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Loksabha Chunav2024: गोवा में हर बार महिला ऑब्जर्वर ही क्‍यों: जानिए... बीते कई दशकों से चुनाव आयोग ने किसी पुरुष अफसर को क्‍यों नहीं बनाया है ऑब्जर्वर

Loksabha Chunav2024: चुनाव के दौरान निगरानी के लिए चुनाव आयोग ऑब्जर्वरों की नियुक्ति करता है। आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के साथ ही रिवेन्‍यू सेवा के अफसरों को ऑब्जर्वर बनाया जाता है। इनमें पुरुष और महिला दोनों ही अफसर शामिल होते हैं, लेकिन आयोग गोवा में किसी पुरुष अफसर को ऑब्जर्वर नहीं बनाता है। पढ़ि‍ये इसके पीछे की क्‍या है कहानी

Loksabha Chunav2024: गोवा में हर बार महिला ऑब्जर्वर ही क्‍यों: जानिए... बीते कई दशकों से चुनाव आयोग ने किसी पुरुष अफसर को क्‍यों नहीं बनाया है ऑब्जर्वर
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By Sanjeet Kumar

Loksabha Chunav2024: एनपीजी न्‍यूज डेस्‍क

देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा है। अब तक 4 चरणों की वोटिंग हो चुकी है। 5वें चरण के लिए मतदान 20 मई को होना है। अब तक 379 सीटों पर वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसमें गोवा की भी 2 सीटें शामिल हैं। देश के सबसे खुबसूरत राज्‍यों में शामिल गोवा में लोकसभा की दो ही सीटे हैं। मजेदार बात यह है कि देश में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो एक बार गोवा घुमने जाना चाहते हैं। इनमें नौकरशाह भी शामिल हैं।

वैसे तो नौकरशाहों को सरकारी कामकाज के सिलसिले में देश के अलग-अलग राज्‍यों में घुमने का मौका मिलते ही रहता है, लेकिन चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर के रुप में किसी राज्‍य का दौरा करना अलग ही महत्‍व रखता है। चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर का रुतबा ही अलग होता है। ऐसे में अगर किसी को चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर के रुप में गोव जाने का मौका मिल जाए तो समझो उसकी लॉटरी ही निकल गई, लेकिन देश के तमाम पुरुष अफसरों की गोवा में चुनाव आयोग का ऑब्जर्वर अपने की इच्‍छा शायक कभी पूरी नहीं हो सकती, क्‍योंकि दशकों से चुनाव आयोग ने किसी पुरुष अफसर को गोवा का ऑब्जर्वर नहीं बनाया है।

इस बार भी दो महिलाओं को मिला मौका

गोवा में लोकसभा की दो सीटे हैं। उत्‍तर गोवा और दक्षिण गोवा। मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी आयोग ने वहां 2 महिला अफसरों को ऑब्जर्वर बनाया था। गोवा की दोनों सीटों के लिए 7 मई को मतदान हो चुका है। चुनाव आयोग ने इस बार गोवा उत्‍तर सीट के लिए नेहा जैन और गोवा दक्षिण सीट के लिए मोनिका मलिक को ऑब्जर्वर बनाया था।

इस वजह से किसी पुरुष अफसर को नहीं भेजा जाता गोवा

गोव में चुनाव आयोग किसी पुरुष अफसर ऑब्जर्वर क्‍यों नहीं बनाता इसके पीछे की कहानी मुख्‍य किरदार में कौन सा पुरुष अफसर था, यह किसी को अब याद नहीं है, लेकिन कहानी जरुर याद है। जैसा की आप सभी जानते हैं गोवा मौज- मस्‍ती की जगह है। यह मामला करीब दो दशक से भी पुराना हो चुका है। बताया जाता है कि गोव गए चुनाव आयोग के पुरुष ऑब्जर्वर (आईएएस) पर गोवा का रंग चढ़ गया। अफसर पर नशा इतना चढ़ गया कि उसका खुद पर नियंत्रण नहीं रह गया। बताया जाता है कि घटना को दबाने में अफसरों को पसीने छूट गए थे। इसके बाद से ही चुनाव आयोग ने पुरुषों को वहां ऑब्जर्वर बनाकर भेजना बंद कर दिया।

छत्‍तीसगढ़ में भी चर्चा में रही ऑब्जर्वर की करतूत

छत्‍तीसगढ़ में भी एक ऑब्जर्वर की करतूत काफी चर्चा में रही। मामला विधानसभा चुनाव के दौरान बस्‍तर संभाग के एक जिला में सामने आया था। आयोग की तरफ से ऑब्जर्वर बनाए गए अफसर ने नशे में काफी हंगामा किया था। एनपीजी. न्‍यूज ने उस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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