EVM and Ballot Unit: बैलेट यूनिट का गणित: इन 2 में लगाने पड़े 3-3 यूनिट, जानिए..छत्तीसगढ़ के किस लोकसभा क्षेत्र में कितनी बैलट यूनिट का किया गया उपयोग
EVM and Ballot Unit:लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की 7 सीटों के लिए वोटिंग चल रही है। राज्य के दो संसदीय क्षेत्रों में प्रत्याशियों की संख्या इतनी है कि चुनाव आयोग को 3-3 बैलेट यूनिट लगाना पड़ा है।
EVM and Ballot Unit: रायपुर। लोकसभा चुनाव 2023 में तीसरे चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। राज्य की 4 लोकसभा सीटों पर पहले और दूसरे चरण में मतदान हो चुका है। पहले चरण में एक मात्र बस्तर सीट के लिए वोटिंग हुई थी। वहीं दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद सीट पर वोट डाले गए थे। बाकी बची 7 सीटों पर आज मतदान हो रहा है।
तीसरे चरण की कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की संख्या इतनी अधिक है कि चुनाव आयोग को 3-3 बैलेट यूनिट लगाने पड़े हैं। राज्य की 7 में से केवल 2 संसदीय क्षेत्रों सरगुजा और रायगढ़ में मतदान के लिए एक-एक बैलेट यूनिट की जरुरत पड़ी है। वहीं जांजगीर-चांपा, दुर्ग और कोरबा 2-2 बैलेट यूनिट लाए गए हैं, जबकि रायपुर और बिलासपुर में 3-3 बैलेट यूनिट का उपयोग करना पड़ा है।
जानिए... कैसे तय होता है कितनी बैलेट यूनिट लगेगी
एक बैलेट यूनिट में 16 नाम दर्ज किए जा सकते हैं। यानी किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा सहित प्रत्याशियों की संख्या 16 या उससे कम है तो एक ही बैलेट यूनिट से काम चल जाएगा, लेकिन यह संख्या 17 होते ही दो बैलेट यूनिट लगाना पड़ता है। इसी तरह नोटा सहित प्रत्याशियों की संख्या यदि 37 पहुंच जाती है तो 3-3 बैलेट यूनिट का उपयोग करना पड़ता है। रायपुर और बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशियों की संख्या क्रमश: 38 और 37 है। नोटा के साथ यह संख्या बढ़कर 39 और 38 हो गई है। इसी वजह से इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में 3-3 बैलेट यूनिट लगाए गए हैं।
जाने...कहां कितनी बैलेट यूनिट का किया गया उपयोग
सीट | पुरुष प्रत्याशी | महिला प्रत्याशी | कुल संख्या | बैलेट यूनिट |
रायपुर | 33 | 5 | 38 | 03 |
बिलासपुर | 36 | 1 | 37 | 03 |
जांजगीर-चांपा | 12 | 6 | 18 | 02 |
कोरबा | 21 | 6 | 27 | 02 |
दुर्ग | 22 | 3 | 25 | 02 |
सरगुजा | 7 | 3 | 10 | 01 |
रायगढ़ | 11 | 2 | 13 | 01 |
योग | 142 | 26 | 168 | 18 |
समझिए...ईवीएम की वर्किंग
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम दो यूनिटों से तैयार होती है। इसमें एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेट यूनिट है। अब एक वीवीपैट (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) भी लगाया जा रहा है। यानी अब कुल 3 सिस्टम को मिलाकर ईवीएम तैयार हो रहा है। इन सभी यूनिटों को केबल (तार) के जरिये एक दूसरे से जोड़ा जाता है। कंट्रोल यूनिट मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी के पास रहता है, जबकि बैलेट यूनिट पर बटन दबाकर मतदाता अपना वोट देता है और वीवीपैट पर मतदान की पुष्टि के लिए पर्ची दिखती है।
जानिए.. एक कंट्रोल यूनिट में जोड़े जा सकते हैं कितने बैलेट यूनिट
कंट्रोल यूनिट से एक बार में 24 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते हैं। एक बैलेट यूनिट में 16 प्रत्याशियों के नाम और चिन्ह दर्ज किए जा सकते हैं। इस तरह एक कंट्रोल यूनिट के जरिये 384 प्रत्याशी के लिए मतदान कराया जा सकता है।देश में जब ईवीएम मशीनों का मतादन के लिए उपयोग शुरू हुआ तब एक कंट्रोल यूनिट से केवल 2 बैलेट यूनिट जोड़े जा सकते थे। ऐसे में केवल 64 प्रत्याशियों के नाम ही शामिल हो पाते थे, लेकिन 2013 के बाद से नए जनरेशन की मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इनमें 24 यूनिट जोड़े जा सकते हैं।
राजनांदगांव चुनाव से पहले चर्चा में रहा ईवीएम
राजनांदगांव लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सीएम और राजनांदगांव सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल एक बयान बेहद चर्चा में रहा। बघेल ने बैलेट से चुनाव कराने के लिए 384 लोगों से नामांकन करने की अपील की थी। इसके पीछे बघेल का तर्क यह था कि एक ईवीएम में केवल 384 उम्मीदवारों के लिए ही मतदान कराया जा सकता है। ऐसे में अगर 384 उम्मीदवार नामांकन दाखिल करते हैं और एक नोटा मिलाकर कुल 385 उम्मीदवारों का नाम दर्ज करना पड़ेता, जो एक ईवीएम में संभव नहीं था। ऐसे में चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से मतदान करना पड़ता।