Bastar Loksabha Chunav 2024: बस्तर में मतदान दलों की रवानगी शुरू: संवेदनशील क्षेत्रों में पहुंच हेलीकॉप्टर से भेजी गई टीम, 19 को होगी वोटिंग
Bastar Loksabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संसदीय क्षेत्र में मतदान दलों की रवानगी आज से ही शुरू हो गई है। संवेदनशील क्षेत्रों में मतदान दलों को पहुंचाया जा रहा है।
Bastar Loksabha Chunav 2024: रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में शामिल छत्तीगसढ़ की बस्तर संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। इस संसदीय क्षेत्र का बड़ा हिस्सा नक्सल हिंसा की वजह से संवेदनशील है। ऐसे में बस्तर में चुनाव करना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में मतदान दलों को सुरक्षित मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की कवायद अभी से शुरू हो गई है। बस्तर के संवेदनशील केंद्रों में मतदान दलों को आज से पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
राजधानी स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मंगलवार की शाम को अफसरों ने बताया कि बस्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत जिला बीजापुर, सुकमा एवं नारायणपुर में आज 56 मतदान दलों को हेलीकाप्टर से रवाना किया गया। 17 अप्रैल को जिला बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव, दंतेवाड़ा एवम नारायणपुर में 100 मतदान दलों को हेलीकाप्टर के माध्यम से रवाना किया जाएगा।
बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है इस वजह से चुनाव आयोग ने यहां 2 एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की है, जो किसी भी अप्रिय स्थिति में तत्काल चुनाव कार्य में लगे कर्मचारियों और फोर्स के लिए मौजूद रहेगी। आयोग के अफसरों के अनुसार बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान दलों की रवानगी होगी। मतदान केंद्रों के आसपास पहले से सर्चिंग चल रही है। चुनाव के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई है। सूत्रों के अनुसार बस्तर के कई हिस्सों में मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से पहुंचाया जाएगा।
निगरानी के लिए वाहनों में लगाई जा रही जीपीएस डिवाईस
लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए प्रथम चरण म 159 मतदान केंद्र तथा द्वितीय चरण के कुल 112 मतदान केंद्र संवेदनशील के रूप में चिन्हित किए गए हैं। प्रथम चरण के लिए 69 रनर तथा द्वितीय चरण के लिए 132 रनर की व्यवस्था की गई है। सेक्टर आफिसर एवं ईवीएम/वीवीपैट के परिवहन के लिए कुल 11644 वाहनों में जीपीएस लगाए जा रहे हैं। अब तक प्रथम चरण के 6 जिलों के 1021 वाहनों में से 274 वाहनों में जीपीएस डिवाइस स्थापित की जा चुकी है।