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शराब बिक्री : इस महिला कलेक्टर ने राज्य सरकार के फैसले को पलटा……लॉकडाउन में शराब की दुकान को खोलने से कर दिया इंकार….2010 बैच की ये IAS पहले भी रही है चर्चाओं में..

शराब बिक्री : इस महिला कलेक्टर ने राज्य सरकार के फैसले को पलटा……लॉकडाउन में शराब की दुकान को खोलने से कर दिया इंकार….2010 बैच की ये IAS पहले भी रही है चर्चाओं में..
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By NPG News

खंडवा 8 मई 2020। राज्य सरकार के फैसले को महिला कलेक्टर ने मानने से इंकार कर दिया है। मध्य प्रदेश सरकार के शराब बेचने के फैसले के उलट खंडवा की कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने एक आदेश जारी जिले में 17 मई तक शराब ठेके खोलने पर रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने 6 मई से शराब बिक्री की शुरुआत की है। राज्य सरकारों की आय और राजस्व जुटाने का बड़ा ज़रिया शराब भी है।

इसी के मद्देनज़र मध्य प्रदेश सरकार ने भी ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में शराब की दुकानें और ठेके खोलने की मंजूरी देने वाले आदेश जारी किए हैं। भोपाल, इंदौर और उज्जैन ज़िलों को छोड़कर कोरोना रेड ज़ोन वाले अन्य ज़िलों में भी कोरोना मुक्त एवं आंशिक प्रभावित क्षेत्रों और ‘कोरोना फ्री’ ग्रामीण इलाक़ों में भी शराब बेचे जाने का आदेश हुआ है।लेकिन कलेक्टर तन्वी ने शराब दुकान को जिले में खोलने से इंकार कर दिया है।

खंडवा कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया.खंडवा कलेक्टर ऑफिस ने इस आदेश की प्रति वाणिज्यिक कर मंत्रालय, आबकारी आयुक्त और इंदौर आबकारी उपायुक्त सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों को भेज दिया है। सात मई की शाम तक के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार खंडवा ज़िले में ‘कोविड 19’ संक्रमित रोगियों की संख्या 50 थी। ज़िले में अब तक कोरोना से सात मौतें हो चुकी हैं।

पहले भी चर्चा में रही हैं तन्वी सुन्द्रियाल

खंडवा कलेक्टर पद पर तन्वी सुन्द्रियाल को एक साल से ज़्यादा हो चुका है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2010 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की अफ़सर हैं। महज 36 साल की तन्वी मूलतः उत्तराखंड की निवासी हैं। बीई इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक तथा एलएलबी शिक्षित तन्वी तब मीडिया की सुर्खी में आयी थीं, जब उन्होंने अपनी दो साल की बिटिया पंखुड़ी को खंडवा शहर की एक सरकारी आंगनबाड़ी में दाखिल कराया था।

अपने सरकारी घर से दो किलोमीटर दूर स्थित आंगनबाड़ी में ग़रीब और सामान्य बच्चों के साथ बिटिया को दाखिल करने पर तन्वी की खूब प्रशंसा हुई थी। दरअसल, अक्सर यह सवाल उठता है कि सरकारी स्कूल, अस्पताल और अन्य शासकीय संस्थानों में नेता-अफ़सर अपने बच्चों को नहीं भेजते हैं, इसी वजह से वहाँ की हालत खस्ता होती है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने बीते 5 मई से राज्य में शराब और भांग के ठेके खोलने की अनुमति दे दी थी. रेड जोन वाले 9 जिलों में से भोपाल, इंदौर और उज्जैन में शराब और भांग के ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने बीते 5 मई से राज्य में शराब और भांग के ठेके खोलने की अनुमति दे दी थी. रेड जोन वाले 9 जिलों में से भोपाल, इंदौर और उज्जैन में शराब और भांग के ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.

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