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लीगल नोटिस ब्रेकिंगः चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज मामले में सीएम के दामाद क्षितिज चंद्राकर ने इंडियन एक्सप्रेस के संपादक, रिपोर्टर समेत केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यवर्धन सिंह को नोटिस भेजा, बोले…लिखित गलती माने वरना….

लीगल नोटिस ब्रेकिंगः चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज मामले में सीएम के दामाद क्षितिज चंद्राकर ने इंडियन एक्सप्रेस के संपादक, रिपोर्टर समेत केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यवर्धन सिंह को नोटिस भेजा, बोले…लिखित गलती माने वरना….
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By NPG News

रायपुर 3 अगस्त 2021। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण की इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर को लेकर क्षितिज चंद्राकर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। क्षितिज चंद्राकर ने इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार और चीफ एडिटर सहित खबर को ट्वीट करने वाले केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी नोटिस भेजा है।

दरअसल मानसून सत्र में चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण बिल आने के ठीक पहले इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें ये बताया गया था कि मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अपने दामाद के परिवार को फायदा पहुंचाना है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर देश भर में खूब वायरल हुई थी, इसे कई मशहूर राजनीतिक हस्तियों, मंत्री, सांसदों ने भी ट्वीट किया था।

रिपोर्ट में बताया गया था कि मुख्यमंत्री के दामाद क्षितिज चंद्राकर के परिवार की चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज संचालक मंडल में शेयर है, अपने दामाद के परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस प्राइवेट मेडिकल कालेज का अधिग्रहण राज्य सरकार कर रही है। आरोप ये भी लगाये गये थे कि जिस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया जा रहा था, उसे तीन साल से मान्यता नहीं है और तो और इस मेडिकल कॉलेज में फर्जीवाड़ा का भी मामला सामने आ चुका है। बावजूद 300 करोड़ से ज्यादा की रकम देकर इस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया जा रहा है।

छह पेज के लीगल नोटिस में क्षितिज चंद्राकर ने रिपोर्ट को पूरी तरह से निराधार, मनगढ़ंत और उनकी छवि को धूमिल करने वाला बताया है। उन्होंने रिपोर्ट को पूरी तरह तथ्यहीन और झूठा बताते हुए कहा है कि 29 जुलाई को जो रिपोर्ट छापा गयी थी, उससे उनका और उनके परिवार की प्रतिष्ठा, समाज और परिवार में खराब हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी प्रतिष्ठा समाज में काफी है, लेकिन जिस तरह की खबरें प्रकाशित की गयी है, उससे उन्हें और परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है।

नोटिस में कहा गया है कि उनके परिवार का बिजनेस सात साल पहले ही अलग हो चुका है, जबकि रिपोर्ट में ये उल्लेख किया गया है कि मेडिकल कालेज के इस सौदे का मकसद क्षितिज चंद्राकर को आर्थिक मदद पहुंचाने का है। सौदे की राशि को लेकर भी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि सौदे की रकम को स्वतंत्र रूप से स्वतंत्र कमेटी की तरफ से किया गया है। नोटिस में ये भी कहा गया है कि जो भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है वो पूरी तरह बेबुनियाद और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला है।

क्षितिज चंद्राकर ने अपने वकील के जरिये भेजे नोटिस में कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत ये रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है। उन्होने आरोप लगाया है कि इस तरह के रिपोर्ट में जिस तरह के आरोप लगाये गये हैं, उसके बाद से ही वो, उनकी पत्नी और बच्चे मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। नोटिस में इस तरह के रिपोर्ट को IPC के सेक्शन 499, 500, 501 और 502 के खिलाफ बताया है। नोटिस में कहा गया है कि इस मामले में अगर लिखित रूप से गलती को स्वीकार नहीं करेंगे तो इस मामले में सिविल और क्रिमिनल कोर्ट मे कानूनी प्रक्रिया शुरू की जायेगी।

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