लैलूंगा दोहरा हत्याकांड: ना गहने ग़ायब ना कैश.. विशुद्ध हत्या का मामला..स्लीपिंग टेबलेट मिली..पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतज़ार.. IG डाँगी ने किया कैंप

लैलूंगा,23 सितंबर 2021। लैलूंगा में व्यापारी मदन गर्ग और उनकी पत्नी अंजू देवी की मौत मामले में पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं।हत्याकांड को लेकर पुलिस के उलझने की वजह है कि, घर से ना तो ज़ेवर ही ग़ायब हुए और ना ही रकम। पुलिस को प्रारंभिक पी एम रिपोर्ट का इंतज़ार है, हालांकि यह क़रीब क़रीब तय माना जा रहा है कि हत्या का शिकार हुए दंपत्ति में एक की गला घोंटा गया है जबकि महिला का दम तकिया से दबने की वजह से निकला है।
मृतक मदन मित्तल और उनकी पत्नी अंजू देवी का शव उनके बेडरूम में मिला था। मदन मित्तल राईस मिल संचालक थे और लैलूंगा इलाक़े में उनकी प्रभावी राजनैतिक दखल थी। वे एल्डरमेन भी बनाए गए थे।
पुलिस के लिए चुनौती कई हैं, मसलन आरोपी जो कि अब तक अज्ञात है,उसकी घर के भीतर मौजुदगी रौशनदान से हुई और घटना को अंजाम देकर वह रवाना हो गया।इस थ्योरी पर पुलिस कितना और कैसे भरोसा करे। वहीं घटनास्थल को देखने से पुलिस यह मान रही है कि, संघर्ष मृतिका ने किया है, लेकिन मृतक की ओर से संघर्ष के चिन्ह नहीं है। रोशनदान के घेराव से भीतर आने के लिए व्यक्ति का पतला होना स्वाभाविक है, और मृतकों की शारीरिक बनावट को देख पुलिस के सामने प्रश्न है कि, कोई दूबला व्यक्ति क़ाबू कैसे कर पाएगा, वहीं इस पूरी घटना में एक पक्ष ने संघर्ष किया पर दूसरे की ओर से कोई प्रतिरोध क्यों नहीं हुआ।पुलिस के लिए उलझन दे और हैं और वह है कि मृतकों के कमरे अंदर से बंद नहीं था, वहीं कमरे से नींद की गोलियाँ भी मिली हैं।
मृतकों का शव सबसे पहले मृतकों के पुत्र ने देखा था। मृतक दंपत्ति का पुत्र परिवार के साथ ठीक उपरे माले पर रहता है।
बहरहाल आईजी रतन लाल डाँगी खुद मौक़े पर पहुँच गए हैं। उन्होंने कैंप कर लिया है।