जानिए कौन हैं अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ?… जो भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर बोल सुर्ख़ियों में है…. पति भी रहे हैं आईएएस टॉपर
नईदिल्ली 21 जनवरी 2020. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ एक बार फिर चर्चा में हैं। आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है। आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत सहित कई देशों में छाई सुस्ती का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि 2020 में वैश्विक वृद्धि में तेजी अभी काफी अनिश्चित बनी हुई है।
गीता गोपीनाथ के बयान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधा है। वह इससे पहले नोटबंदी का विरोध करके चर्चा में आई थीं। आज हम आपको बताते हैं कि गीता गोपीनाथ कौन हैं-
गीता गोपीनाथ के इस बयान के बाद विरोधियों को मोदी सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है, देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर तंज कसा है, फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन इस बीच जानते हैं गीता गोपीनाथ के बारे में, जिनके बयान पर विरोधियों को मिला सरकार पर निशाना साधने का मौका…
भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर, 1971 को कोलकाता में हुआ था, इनकी स्कूली शिक्षा मैसूर (कर्नाटक) के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल से हुई है और उनके माता-पिता मूलत: केरल के कन्नूर के रहने वाले हैं, गोपीनाथ ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से एमए की डिग्री औरअपनी बैचलर की डिग्री लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली से हासिल की है।
47 साल की गीता गोपीनाथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रही हैं, उन्होंने आईएएमफ में मौरिस आब्स्टफेल्ड की जगह ली थी, बेहद ही जिंदादिल गीता मुद्राकोष की चीफ इकोनॉमिस्ट और अनुसंधान विभाग की निदेशक हैं।
गीता के पति का नाम इकबाल धालीवाल है जो कि इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हैं और 1995 बैच के आईएएस टॉपर हैं, गीता के पति का परिवार यूके में रहता है। गीता ने आईएमएफ के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की हैंडबुक भी लिखी है।
अक्तबूर 2018 में गीता को आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि उन्होंने एक जनवरी, 2019 को अपना कार्यभार संभाला। वह इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं। उन्होंने आईएएमफ में मौरिस आब्स्टफेल्ड की जगह ली है जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए थे।
गोपीनाथ को आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री और इसके अनुसंधान विभाग का निदेशक बनाया गया है। वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज एंड इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर हैं। वह राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो में अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकोनॉमिक्स कार्यक्रम की सह-निदेशक भी हैं। वह केरल सरकार की आर्थिल सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी हैं।