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PCOS Diet In Hindi: बेटी के पीरियड्स टाइम पर नहीं आते? हो सकती है पीसीओएस की समस्या, जानिए डाइट में क्या जोड़ें, क्या घटाएं

PCOS Diet In Hindi: अनियमित पीरियड्स आगे चलकर प्रेगनेंसी में बाधक बन सकते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस और हार्मोनल इंबैलेंस पीसीओएस की मुख्य वजहें हैं। लेकिन माँओं के लिए अच्छी खबर ये है कि वे अपनी पीसीओएस से पीड़ित बेटी की लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करवा कर स्थिति में काफी सुधार ला सकती हैं।

PCOS Diet In Hindi: बेटी के पीरियड्स टाइम पर नहीं आते? हो सकती है पीसीओएस की समस्या
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PCOS Diet In Hindi

By Divya Singh

PCOS Diet In Hindi: आज के समय में 'पीसीओएस' युवतियों के बीच सबसे तेज़ी से बढ़ती समस्या है। लगभग हर पांच में से एक महिला अनियमित पीरियड्स की समस्या से जूझ रही है। अनियमित पीरियड्स आगे चलकर प्रेगनेंसी में बाधक बन सकते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस और हार्मोनल इंबैलेंस पीसीओएस की मुख्य वजहें हैं। लेकिन माँओं के लिए अच्छी खबर ये है कि वे अपनी पीसीओएस से पीड़ित बेटी की लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करवा कर स्थिति में काफी सुधार ला सकती हैं। इसलिए नियमित एक्सरसाइज के साथ डाइट में क्या बदलाव करें, इसी विषय पर आज हम बात करेंगे।

पीसीओएस का कारण क्या है?

पीसीओएस ( पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ) का मुख्य कारण इन्सुलिन रेजिस्टेंस है। जब हम कुछ भी खाते हैं तो शुगर बनती है और शुगर को कम करने के लिए पेंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज़ होता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपका शरीर इंसुलिन के प्रति उस तरह से प्रतिक्रिया नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। इसके कारण बहुत सी समस्याएं होने लगती हैं। क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन होने लगता है और हार्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। साथ ही बैली फैट बढ़ना, बाल झड़ना, मुहांसे, चेहरे पर बाल आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। पीसीओएस की इस स्थिति से बाहर आने के लिए फिज़िकली एक्टिव होना और अपनी डाइट में बदलाव करना जरूरी है। आइए जानते है कि आप अपनी डाइट में क्या शामिल करें और क्या छोड़ें।

लौकी, टिंडा खाएं

आमतौर पर बच्चों को लौकी, टिंडा और परवल जैसी सब्जियां बिल्कुल पसंद नहीं होतीं। लेकिन पीसीओएस से पीड़ित लड़कियों के लिए ये सब्जियां वरदान हैं। आपको ये हाई फाइबर वेजीटेबल्स ज़रूर लेनी चाहिए।

हरी पत्तेदार सब्जियां

पीसीओएस का चक्र तोड़ने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, सरसों, लाल साग, बथुआ आदि का सेवन ज़रूर करें। हरी पत्तेदार सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स क्रोनिक इन्फ्लेमेशन और इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने में मदद करते हैं। कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर वाली ये सब्जियां हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाने और वेट लाॅस में मदद करती हैं।

खीरा खाएं

पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं खीरा खाएं।पानी से भरपूर खीरा शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है और पेट जल्दी भरता है। जिससे वेट लाॅस में मदद मिलती है। वेट लॉस इसलिए जरूरी है कि आमतौर पर पीसीएस में पेट, हिप्स और थाइज़ में बहुत ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है। जिसे कम करना ज़रूरी है। खीरा फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन में भी सुधार करता है और साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।

बीटरूट लें

पीसीओएस से पीड़ित हैं तो चुकंदर यानी बीटरूट खाएं। इसमें पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स बाॅडी को डिटाॅक्स करने में मदद करते हैं। बीटरूट हार्मोन्स का बैलेंस सुधारने में मदद करता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। साथ ही यह प्रजनन स्वास्थ्य और अंडे की गुणवत्ता में सुधार करता है।

ये फल खाएं

पीसीओएस से पीड़ित हैं तो सेब, अनार अमरूद और कीवी जैसे फल खाएं। हाई शुगर वाले फल जैसे आम और केले को अवॉइड करें।

हाई प्रोटीन डाइट लें

अगर आप अंडे खाते हैं तो यह प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स हैं। आप नियमित रूप से दो एग जरूर खाएं। इसके अलावा आप दाल, पनीर, सोया, टोफू जैसी चीज़ें डाइट में शामिल करें। प्रोटीन रिच डाइट लेने से पीसीओएस में 45% तक फायदा हो सकता है।

देसी घी लें

हार्मोंस को संतुलित करने के लिए हेल्दी फैट लेना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप गाय के दूध से बने देसी घी का सेवन करें। एक चम्मच देसी घी का सेवन रोज करें। इसके अलावा आप बादाम, नारियल आदि ले सकते हैं।

जीरे का ड्रिंक

जीरे को गर्म पानी के साथ उबालकर इसका ड्रिंक बना लीजिए। इसमें थोड़े मेथी दाने भी डाल दें तो और बढ़िया। यह पीसीओएस से मुकाबले के लिए एक शानदार ड्रिंक है। यह ब्लोटिंग को कम करता है और इन्सुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाता है। साथ ही वेट लाॅस में भी मददगार है।

किचन से बाहर करें ये चीज़ें

आपकी बेटी पीसीओएस से जूझ रही है तो मैदा, मैगी, व्हाइट ब्रैड, पास्ता, शुगरी ड्रिंक, भुजिया-सेव, चिप्स के साथ पापड़, अचार, कैचप जैसी ज्यादा नमक वाली चीज़ें तुरंत किचन से बाहर कर दीजिए। क्योंकि ये शुगर लेवल को बढ़ाते हैं, फैट का स्टोरेज बढ़ाते हैं और ओव्यूलेशन को ब्लॉक करते हैं।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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