Begin typing your search above and press return to search.

Kamarchath Or Halshashthi 2024 Recipe : इस पूजा में पसहर चावल, छः प्रकार की भाजी और भैंस का दूध-दही-घी बहुत जरूरी... आइए जाने "हलषष्ठी थाली" की रेसिपी

Kamarchath Or Halshashthi 2024 Recipe : इस व्रत में पसहर चावल, भैंस का ही दूध, दही, घी प्रयोग में लाया जाता हैं. गाय का कुछ भी वर्जित हैं और हल से जुता हुआ कोई भी भाजी, फल या सब्जी भी वर्जित होती हैं, तो फिर आइये जाने पसहर भात और भाजी बनाने की विधि.

Kamarchath Or Halshashthi 2024 Recipe : इस पूजा में पसहर चावल, छः प्रकार की भाजी और भैंस का दूध-दही-घी बहुत जरूरी... आइए जाने हलषष्ठी थाली की रेसिपी
X
By Meenu

Kamarchath Or Halshashthi 2024 Recipe : हलषष्ठी व्रत छत्तीसगढ़ की मुख्य व्रतों में से एक हैं इसे हरछट, कमर छट या ललही छट भी कहा जाता हैं. इस साल कमरछठ या हलषष्ठी व्रत 24 अगस्त को है. हलषष्ठी व्रत में पसहर चावल की भात और छः प्रकार की भाजी बनाई जाती है.

हलषष्ठी के पर्व में पसहर चावल का बड़ा महत्व होता है. इस चावल का रंग मटमैला होता है. पसहर चावल की पैदावार कम होने और पूजा में इसके महत्व के चलते यह सुगंधित चावल से दो से तीन गुना महंगा होता है. पसहर चावल के साथ ही बाजार में पूजन की अन्य सामग्री महुआ, दोना, टोकनी, लाई और श्रृंगार के सामान बाजार में बिक रहे हैं.

इस व्रत में भैंस का ही दूध, दही, घी प्रयोग में लाया जाता हैं गाय का कुछ भी वर्जित हैं और हल से जुता हुआ कोई भी भाजी, फल या सब्जी भी वर्जित होती हैं इस व्रत के नियम थोड़ा सख्त होते हैं यह व्रत संतानो के लिए रखी जाती हैं. तो फिर आइये जाने पसहर भात और भाजी बनाने की विधि.

सामग्री




  • 1गिलास पसहर चावल
  • छः प्रकार की भाजी (बिना हाल चली वली खेती या फिर बड़ी की)
  • स्वादानुसार नमक
  • 2 चम्मच घी (भैंस की)
  • 3-4 हरी मिर्च (बिना हाल चली वली खेती या फिर बड़ी की)
  • 1 कटोरी दही (भैंस की)
  • आवश्यकतानुसार महुआ के पत्ते का पत्तल और दोना


कुकिंग निर्देश

1. सबसे पहले एक पतीले में चावल को अच्छी तरह धोकर 2 गिलास पानी डालकर गैस ऑन करके मीडियम फ्लेम में रख दीजिये और ढ़क दीजिये बीच बीच में चम्मच चलाते रहिये और ज़ब पानी कम हों जायें तो लों फ्लेम पर रहिये फिर पानी सूख जायें तो गैस ऑफ़ कर दीजिये l

2. अब सभी भाजिओ को साफ कर लीजिये और एक कड़ाही में भाजियो को अच्छी तरह धोकर डाल दीजिये और थोड़ा सा पानी मिलाकर गैस ऑन करके पका लीजिये फिर स्वादानुसार नमक डाल दीजिये ज़ब अच्छे से भाजी पक जायें तब इसे उतार लीजिये, फिर एक कड़ाही में घी डालकर हरी मिर्च डालकर भुन लीजिये कुछ सेकंड बाद भाजी डालकर का छौंक लीजिये फिर गैस ऑफ कर दीजिये l

3. फिर एक महुआ का पत्तल और दोना में बना लीजिये अब एक कटोरी में दोना डाल दें फिर उसमें दही डालकर नमक और हरी मिर्च मिला लीजिये l

4. और पत्तल में भात और भाजी डाल दीजिये लो तैयार हैं आपका हलषष्टी का प्रसाद.


तालाब पोखर भाठा जमीन और गड्ढों के किनारे उगता है पसहर चावल

पसहर चावल बेच रही महिलाओं ने बताया कि पसहर का चावल खेत खलिहान में नहीं उगाया जाता. बल्कि यह भाठा जमीन तालाब पोखर और गड्ढों के किनारे अपने आप फसल उगता है. इसकी साफ सफाई करके मार्केट में बेचने के लिए लाया जाता है. इसकी मांग केवल हलषष्ठी पर्व के समय ही रहती है. सामान्य दिनों में इस चावल को ना ही बाजार में बेचा जाता है और ना ही लोग इसे खरीदते हैं.


पसहर चावल में आयरन की मात्रा अधिक होती है

इसका वैज्ञानिक नाम ओराईजानिवारा हैं. जितनी भी धान की नई किस्म विकसित हुई है. उसमें इसका प्रमुख योगदान माना गया है. नई किस्म विकसित करने के प्रयोग लगातार हो रहे हैं. हालांकि पसहर चावल में आयरन की प्रचुर मात्रा है. बोलचाल की भाषा करगाधान से पसहर चावल बनता है और यह समय से पहले ही जमीन में झड़ जाता है. बिना हल चले ही उगने के कारण व्रतधारी माताएं इसका सेवन करती हैं.

Next Story