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Chhattisgarhi Dussehra Pakwan Recipe: छत्तीसगढ़ में दशहरा पर भगवान को अर्पित किए जाते हैं 'रोठ' और 'नारियल मीठी' गिलकी के भजिए और उड़द दाल बड़ा...

Chhattisgarhi Dussehra Pakwan Recipe: छत्तीसगढ़ में दशहरा पर भगवान को अर्पित किए जाते हैं रोठ और नारियल मीठी गिलकी के भजिए और उड़द दाल बड़ा...
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By Gopal Rao

Chhattisgarhi Dussehra Pakwan Recipe: छत्तीसगढ़ में दशहरा पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। बस्तर दशहरा तो छत्तीसगढ़ की शान है ही, अलावा भी सरगुजा दशहरा,जशपुर दशहरा, सारंगढ़ दशहरा आदि अपने अनोखे रीति-रिवाजों के कारण प्रसिद्ध हैं। यूं तो सभी लोग अपनी इच्छा और क्षमतानुसार भगवान को मीठे का भोग लगाते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में दशहरा के अवसर पर भगवान को 'रोठ' का भोग खासकर लगाया जाता है। वहीं बस्तर दशहरा में 'नारियल मीठी' प्रमुखता से भोग में चढ़ाई जाती है। नाश्ते की बात करें तो गांव हों या फिर शहर, दशहरे पर गिलकी या तोरई के भजिए और उड़द दाल का बड़ा भी शौक से बनाया जाता है। पूरे परिवार के लोग मिल-बैठकर गर्मागर्म नाश्ते का मज़ा लेते हैं और त्योहार को उत्साह से मनाते हैं। आइए जानते हैं दशहरे के मौके पर बनने वाले इन व्यंजनों की रेसिपी।

० रोठ

रोठ गेंहूं के आटे को गुड़ समेत अन्य सामग्री के साथ गूंध कर बनाया जाने वाला व्यंजन है। इसे छोटे आकार की मोटी टिकिया या सिलैंड्रिकल या ओवल शेप में बनाया जाता है। इत्मीनान से इसे तलना होता है, तभी यह अच्छा करारा बनता है। आइए इसे बनाने की वाधि जानते हैं।

इसे बनाने के लिए हमें चाहिए

गेंहू का आटा - 4 कटोरी

देसी घी - 3/4 कटोरी ( मोयन के लिए)

दूध -1कटोरी

गुड़ - डेढ़ कटोरी (पाउडर)

शहद - एक टी स्पून( ऑप्शनल)

घी - तलने के लिए

रोठ ऐसे बनाएं

1. एक थाली में आटा लें। इसमें गुड़ का पाउडर मिक्स करें।

2. अब इसमें पिघले हुए देसी घी का मोयन दें। शहद मिक्स करें। आटे को हाथ से मसलकर भुरभुरा कर लें। अब थोड़ा-थोड़ा दूध डालते हुए जरा सख्त आटा गूंध लें। दूध पूरा इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है। आटा सख्त रहे, इसका ध्यान रखें।

3. अब तैयार आटे से अपने पसंद का शेप बनाए। सभी रोठ इसी तरह तैयार कर लें।

4. अब कड़ाही में तेल गर्म करें। धीमी से मध्यम आंच में रोठ को अच्छी तरह से तल लें। आपका भोग तैयार है।

० नारियल मीठी

नारियल मीठी बनाने के लिए एक कटोरी नारियल के बुरादे को कड़ाही में ड्राई रोस्ट करें। केवल इतनी देर के लिए कि कच्चापन हट जाए लेकिन रंग न बदले। अब 3/4 कटोरी शक्कर में इसकी आधी मात्रा में पानी मिलाकर एक तार की चाशनी बनाएं। नारियल का बुरादा चाशनी में डालकर अच्छी तरह चलाएं और ग्रीस की हुई थाली में इसे पलट दें। पगी हुई 'नारियल मीठी' दशहरे का खास पकवान है।

० गिलकी के भजिए

2 गिलकी को धोकर छील लें। इसके गोल-गोल स्लाइस काट लें। अब एक बड़ी कटोरी बेसन को छानें। इसमें दो टी स्पून चावल का आटा मिक्स करें। चावल का आटा डालने से भजिए करारे बनते हैं। अब इसमें 2 बारीक कटी हरी मिर्च, बारीक कटा हरा धनिया, चुटकी भर हींग, स्वादानुसार लाल मिर्च पाउडर और नमक, आधा टी स्पून हल्दी, एक चौथाई टी स्पून अजवाइन, एक टी स्पून तेल मिक्स करें। थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए भजिए की कंसिस्टेंसी का बैटर तैयार करें जो न बहुत थिक हो न पतला। खाने का सोडा डालें या न डालें, ये आपकी इच्छा पर निर्भर है। अब एक कड़ाही में तेल गर्म करें। गिलकी के भजिए गोल्डन ब्राउन तलकर प्लेट में निकालें। दशहरे का असली मज़ा इन भजियों के साथ ही है।

० उड़द दाल बड़ा

उड़द दाल का बड़ा बनाने के लिए आधा किलो उड़द की दाल साफ कर, दो बार पानी से धोकर रात भर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह पानी निथार कर इसे दरदरा पीस लें। अगर आप सिल बट्टे पर दाल पीस सकें तो बेहतर स्वाद और टेक्स्चर आपको मिलेगा। अब पिसी हुई दाल को एक गहरे कटोरे में इकट्ठा करें। इसमें दो बारीक कटे प्याज, दो चम्मच बारीक कटा करी पत्ता,दो चम्मच बारीक कटा हरा धनिया, दो बारीक कटी हरी मिर्च, एक से दो चम्मच कुटे हुए साबुत धनिया के बीज, स्वादानुसार मिर्च पाउडर और नमक, चुटकी भर हींग और एक चम्मच बारीक किसी अदरख मिलाएं। दाल को 5-7 मिनट अच्छे से फेंटें। अब कड़ाही में तेल गर्म कर उड़द दाल के बड़े तल लें। गिलकी के भजिए और उड़द दाल बड़े को धनिया-टमाटर की चटनी के साथ परोसें।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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