Chattisgarhi Barmasi Karela : मुंह मांगी कीमत में बिकती है स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी "बरमसी करेला"... आइए जानें इसके लाभ और रेसिपी
Chattisgarhi Barmasi Karela : बरमसी करेला दिखता जरूर करेला जैसा है. लेकिन स्वाद करेला से भी ज्यादा कड़वा और आकार में यह एकदम ककोड़ा जैसा होता है. इसके बारे में ऐसा भी माना जाता है कि यह कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है.
Chattisgarhi Barmasi Karela : छत्तीसगढ़ में बारिश के दिनों में एक प्रकार की सब्जी हर घर की पहली पसंद होती है और उसका नाम है बरमसी करेला। बरमसी करेला घर की बाड़ी या फिर सड़क किनारे ऐसे ही उग आती है।
यह करेला का छोटा रूप होता है जिसे छत्तीसगढ़ में बरमसी करेला और कई राज्य में इसे मुरेला कहा जाता है. करेला की सब्जी तो आज के दौर में पूरे साल उपलब्ध हो जाती है. मगर करेले का यह छोटा रूप बरमसी करेला सिर्फ इन दिनों में ही मुश्किल से 15 दिन या महीने भर तक ग्रामीण क्षेत्र के बाड़ी या फिर बाजारों में मिलती है.
छत्तीसगढ़ में तीज के मौके पर इसकी पूछ परख और बढ़ जाती है और तिजहारिन इसे मुंह मांगी कीमत में भी खरीद लेती है।
कई लोग बरमसी करेला से अपरिचित होने के कारण इस खास और गुणकारी सब्जी को अपनी रसोई तक नहीं पहुंचा पाए हैं. बल्कि कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने इस सब्जी का नाम तक नहीं सुना हैं.
कुदरती पैदा होती है यह सब्जी
यह बहुत ही अच्छी और फायदेमंद सब्जी है. कुदरती बारिश में पैदा होने वाली यह सब्जी बरसाती सीजन में ही बाजार में आती है. इसकी सब्जी बिल्कुल करेले की तरह बनाई जाती है.
एक महीने तक आती है बाजार में
आकार में करेला से छोटा बरमसी करेला (मुरेला) हर साल बाजार में 60 रुपये से लेकर 80 रुपये किलो तक बिकता है. सब्जी व्यापारियों के अनुसार बरमसी करेला की सब्जी बाजार में मुश्किल से 15 दिन और खींचकर महीने भर चल पाती है.
करेला से भी ज्यादा होता है फायदेमंद
बरमसी करेला करेले जैसी देखने वाली यह सब्जी स्वास्थ्य के लिए करेले से भी फायदेमंद होती है. करेले में पाए जाने वाले पोषक तत्व इसमें और भी ज्यादा प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. कई प्रकार के अंग रोगों को यह जड़ से काट देता है. अगर करेले की तरह इसकी भी सब्जी खाई जाए तो शरीर में ताप बुखार जैसी बीमारी नहीं लगती है. उन्होंने यह भी बताया कि आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी यह सब्जी कारगर है.
बरमसी करेला की सब्जी बनाने की विधि
– सबसे पहले बरमसी करेला को पानी से अच्छे से धोकर साफ कर लें. अब इसे छोटे-छोटे आकार में काट लें. ये काटने पर करेला जैसा ही लगता है. अगर भीतर से लाल यानी पका हुआ निकले तो उसे अलग कर दें.
– काटने के बाद इस सब्जी में नमक लगाकर कम से कम 2 घंटे के लिए छोड़ दें. इससे इसका एक्स्ट्रा पानी निकल जाएगा. साथ ही ये थोड़े नरम भी हो जाएंगे. अब इसे 2 से 3 बार पानी से आप एक बार फिर धो लें. (आप चाहें तो इसे रात भर नमक लगाकर छोड़ सकते हैं और सुबह बना सकते हैं.)
– अब आप एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. गर्म तेल में कटे हुए बरमसी करेला डालकर इसे अच्छी तरह भून लें. अच्छे से भूनने से इसका स्वाद भी बढ़ेगा और ये सही से पक जाएंगे. 10 मिनट तक भूनने के बाद या 80% पकने पर इसे कढ़ाई से उतार लें.
– अब कढ़ाई में 2 चम्मच तेल डालें. इसमें आधी चम्मच जीरा और एक चुटकी हींग डालें. इसके बाद इसमें सूखी साबुत लाल मिर्च डालें. साथ ही इसमें एक-दो कटी हुई हरी मिर्च भी डालें. मिर्च की मात्रा आप अपने स्वाद के अनुसार कम-ज्यादा कर सकते हैं.
– अब इसमें 2 से 3 कटी हुई प्याज डालें. इस सब्जी में प्याज का स्वाद काफी अच्छा आता है, इसलिए प्याज आप ज्यादा ही रखें.
– प्याज के हल्का गुलाबी होने पर इसमें सूखे मसाले जैसे एक चम्मच धनिया, आधी चम्मच काली मिर्च, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच सौंफ का पाउडर डालें.
– अब इस मसालें को अच्छी तरह से चलाते हुए भूनें. अगर आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा पानी भी डालें ताकि मसाला अच्छे से भुन जाए.
– मसाला भुनने पर इसमें नमक डालें. इसके साथ ही एक चम्मच अमचूर पाउडर भी डालें.
-मसाला जब अच्छे से भुन जाए, इसमें फ्राई हुए मुरेला डालकर अच्छे से मिक्स कर लें.
– मसाले के साथ इस सब्जी को ढककर 2 से 3 मिनट तक पकाएं ताकि अच्छे से मसाला सब्जी में समा जाए. आखिर में इस सब्जी में आधा चम्मच गर्म मसाला डालें और गैस बंद कर दें.
– अंत में हरा धनिया डालकर सजाएं और इस सब्जी को परांठे या रोटी के साथ खाएं.