Begin typing your search above and press return to search.

भाजी एक नाम अनेक... सुनसुनिया, तिनपनिया और चुनचुनिया भाजी, इसके जैसे अनेक नाम वैसे अनेक फायदे, Read Recipe and Benefits

इसका अंग्रेजी नाम वाटर क्लोवर या पेपरवर्ट कहा जाता है. सुसनी का साग हमेशा पानी में उगता है. सुसनी के साग का औषधि के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जाता है. सुसनी के साग में एंटी-इंफ्लामेटरी, डाययूरेटिक, डिप्यूरेटिव जैसे गुण पाए जाते हैं.

भाजी एक नाम अनेक... सुनसुनिया, तिनपनिया और चुनचुनिया भाजी, इसके जैसे अनेक नाम वैसे अनेक फायदे, Read Recipe and Benefits
X
By Meenu

छत्तीसगढ़ में मिलने वाले सुनसुनिया, तिनपनिया और चुनचुनिया को सुसनी के नाम से भी जाना जाता है . इसके सेवन से शिथिल पड़ चुकी नसों में बिजली सी फुर्ति जगाई जा सकती है.

इतना ही नहीं सुसनी के साग में ब्रेन से संबंधित कई बीमारियों को रोकने की क्षमता है. सुसनी का साग मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम भारत में बहुतायात में पाया जाता है. झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस साग से कई तरह की रेसिपी बनाई जाती है. सुसनी के साग को कुछ जगहों पर सुनसुनी साग भी कहा जाता है.

इसका अंग्रेजी नाम वाटर क्लोवर या पेपरवर्ट कहा जाता है. सुसनी का साग हमेशा पानी में उगता है. सुसनी के साग का औषधि के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जाता है. सुसनी के साग में एंटी-इंफ्लामेटरी, डाययूरेटिक, डिप्यूरेटिव जैसे गुण पाए जाते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम मार्सिलिया क्वाड्रिफोलिया है.

सामग्री



  • 20 मिनट
  • 5 लोग
  • 250 ग्राम सुनसुनिया भाजी
  • 2 टमाटर मीडियम साइज
  • 2 प्याज मीडियम साइज बारीक कटा हुआ
  • 8 लहसुन कलियां बारीक कटी हुई
  • 5 सूखी लाल मिर्च
  • आवश्यकतानुसार तेल
  • 1/2 कटोरी चना दाल
  • स्वाद अनुसार नमक

कुकिंग निर्देश

  • 1. ढाई सौ ग्राम सुनसुनिया भाजी लेकर साफ कर ले इसे पानी में धोकर निकाल ले और साफ बर्तन में रखें. बर्तन में कटे हुए टमाटर, प्याज, सूखी लाल मिर्च रख ले.
  • 2. गैस ऑन कर कढ़ाई में आधा गिलास चावल पानी और आधा कटोरी चना दाल डालें उबाल आने पर धो कर रखे हुए सुनसुनिया भाजी को डालें और ढककर 2 मिनट पकने दें. 2 मिनट बाद बारीक कटे हुए टमाटर और स्वादानुसार नमक डालें इसे भी ढककर बीच-बीच में चम्मच चलाते हुए पकने दें. जब पानी सूख जाए तो भाजी को एक बर्तन में खाली कर ले
  • 3. अब कढ़ाई में तेल बारीक कटी हुई लहसुन, बारीक कटा हुआ प्याज़ और सूखी लाल मिर्च डालें इसे सुनहरा होने तक भूने. प्याज सुनहरा भून जाने पर भाजी को डालें और अच्छी तरह मिला लें ढककर 2 मिनट पकने दें 2 मिनट बाद गैस बंद कर दे सर्व करने को तैयार है हमारी सुनसुनिया भाजी


नसों से जहर को निकालता है

एनसीबीआई रिसर्च पेपर के मुताबिक सुसनी के साग की जब रासायनिक जांच की गई तो इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए गए. इसके साथ ही इसमें फेनोलिक कंपाउड, टेनिंस, सेपोनिंस, फ्लेवेनोएड्स, स्टेरोएड्स, टरपेनोएड्स, अल्कालोएड्स जैसे कंपाउड भी मिले. ये सारे तत्व शरीर को बीमारियों से महफूज रखने के लिए बेहद मददगार साबित हो सकते हैं. स्टडी के मुताबिक नसों में जब एक्सिटोटॉक्सिसिटी बढ़ती है या यूं कहें नसों में जब हानिकारक तत्व घुस जाते हैं तो इससे नसें डैमेज होने लगती है. इसके कारण नसों के मूवमेंट पर फर्क पड़ता है. स्टडी में पाया गया है कि सुसनी के साग में जो कंपाउड होता है वह इसे एक्सिटोटॉक्सिसिटी को रोक देता है जिसके कारण नसों में पहले जैसी जान आ जाती है और शरीर में फुर्ती आ जाती है.

हड्डियों के लिए दमदार साग

स्टडी में यह भी पाया कि सुसनी के साग में कैल्शियम को बढ़ाने की गजब की शक्ति है. यानी अगर आपको अपनी हड्डियों में चट्टानी ताकत लानी है तो सुसनी के साग का कुछ दिनों तक सेवन कीजिए. रिसर्च के मुताबिक सुसनी के साग के सेवन करने से बुढ़ापे में होने वाली बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो सकता है. इतना ही नहीं इसमें दिमाग में होने वाली बीमारी इडेमा को रोकने की भी क्षमता है. जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि सुसनी के साग के सेवन में दिमाग की कोशिकाएं समय से पहले बूढ़ी नहीं होती. यानी इससे मेमोरी पावर को बढ़ाया जा सकता है.

Next Story