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ब्रेकिंग : जज का निधन : कोरोना से हाईकोर्ट की महिला जज का निधन …. अगले साल होने वाली थी रिटायर, मेदांता में चल रहा था इलाज….एयरलिफ्ट कर बाहर ले जाने की चल रही थी तैयारी…लेकिन..

ब्रेकिंग : जज का निधन : कोरोना से हाईकोर्ट की महिला जज का निधन …. अगले साल होने वाली थी रिटायर, मेदांता में चल रहा था इलाज….एयरलिफ्ट कर बाहर ले जाने की चल रही थी तैयारी…लेकिन..
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By NPG News

इंदौर 13 दिसंबर 2020। कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। एक और जस्टिस की कोरोना से मौत हो गयी है। पिछले सप्ताह ही गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर उधवानी की कोरोना से मौत हो गयी थी, अब इंदौर हाईकोर्ट की जस्टिस वंदना कसरेकर की कोरोना से मौत हो गयी है। पिछले दिनों कोरोना पॉजेटिव आने के बाद इंदौर के मेदांता में उनका इलाज चल रहा था। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी, उन्हें दिल्ली एयरलिफ्ट कर ले जाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन तबीयत बेहद नाजुक रहने की वजह से उन्हें दिल्ली नहीं ले जाया जा सका।

वंदन कसरेकर एक साल बाद रिटायर होने वाली थी, वह 60 वर्ष की थीं और लम्बे समय से किडनी संबंधी बीमारी से भी जूझ रही थीं. कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ की जज वंदना कसरेकर (60) ने शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली. वह पिछले कई दिन से गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती थीं. इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, “न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थीं. इसके अलावा, वह लम्बे समय से किडनी संबंधी रोग से भी जूझ रही थीं.”

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोक

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जस्टिस वंदना कसरेकर के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है। सीएम ने अपने रविवार को ट्वीट कर लिखा कि इंदौर उच्च न्यायालय में पदस्थ माननीय न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर के निधन का दुःखद समाचार मिला है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की क्षमता दें। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार के साथ हैं। ॐ शांति..

नौ जुलाई 2022 को समाप्त होना था उनका कार्यकाल

जानकारी के लिए बता दें कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले, कसरेकर उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में ही दीवानी और संवैधानिक मुकदमों की पैरवी करती थीं. फिलहाल, वह इंदौर पीठ की इकलौती महिला न्यायाधीश थीं. उन्हें 25 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल नौ जुलाई 2022 को समाप्त होना था.

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