
नईदिल्ली 3 जुलाई 2021. प्रवर्तन निदेशालय ने चीन को खुफिया जानकारी देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय एवं संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में शनिवार को स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया है. पत्रकार राजीव पर आरोप है कि वह गुप्त जानकारी मुहैया कराने के एवज में चीन के अधिकारियों से मोटी रकम लेता था।
ईडी से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजीव शर्मा को केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर पिछले साल 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था। कथित तौर पर गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज मिले थे। पुलिस ने पत्रकार से पूछताछ के बाद एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया था।
कोर्ट में पेश किया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर लीक करने से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली के एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया है। स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार को यहां एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया।
सात दिन की हिरासत में भेजा गया
केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने शर्मा को सात दिन तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि 62 वर्षीय शर्मा ने पैसों के लिए चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी दी थी।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह भी पता चला है कि शर्मा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के लिए नकदी का इंतजाम महिपालपुर स्थित (दिल्ली में एक क्षेत्र) मुखौटा कंपनियों द्वारा एक ‘हवाला’ के माध्यम से किया जा रहा था, जिसे चीनी नागरिक झांग चेंग उर्फ सूरज, झांग लिक्सिया उर्फ उषा और क्वींग शी, एक नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा के साथ चला रहे थे।
बेनामी बैंक खातों में आई रकम
ईडी ने कहा कि नकदी के अलावा, विभिन्न चीनी कंपनियों और भारत में कुछ अन्य व्यापारिक कंपनियों के बीच भारी लेन देन किया गया, जिनकी जांच की जा रही है। एजेंसी ने कहा कि राजीव शर्मा ने आपराधिक गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को छिपाने के लिए बेनामी बैंक खातों के माध्यम से भी धन प्राप्त किया।
राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि रक्षा संबंधी अहम गोपनीय सूचनाएं चीनी खुफिया एजेंसी को देकर उन्होंने डेढ़ साल में 40 लाख रुपये कमाए थे। राजीव शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया था कि राजीव शर्मा चीनी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में रक्षा मामलों पर लेख लिखते थे और वर्ष 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आए थे। वह कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में भी थे।
वह 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल थे। इसके लिए वह विभिन्न देशों में कई स्थानों पर चीनी खुफिया अधिकारियों से भी मिलते थे। इन मीटिंग्स में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर, सीमा पर सेना की तैनाती और सरकार द्वारा तैयार रणनीति आदि की जानकारी साझा की जाती थी।