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UP News: महिला सिपाहियों के लिए नई गाइडलाइन: इस स्थिति में मिलेगा प्रशिक्षण से विराम

उत्तर प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस (UP Police ) के पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके मुताबिक, यदि कोई महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान गर्भवती हो जाती है, तो उसे तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण से हटाया जाएगा। साथ ही संबंधित महिला को डिलीवरी के एक साल बाद

UP News: महिला सिपाहियों के लिए नई गाइडलाइन: इस स्थिति में मिलेगा प्रशिक्षण से विराम
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By Chitrsen Sahu

UP News: लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस (UP Police) के पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके मुताबिक, यदि कोई महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान गर्भवती हो जाती है, तो उसे तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण से हटाया जाएगा। साथ ही संबंधित महिला को डिलीवरी के एक साल बाद फिर से प्रशिक्षण में शामिल होने की अनुमती दी जाएगी।

क्या है गाइडलाइन में

आरक्षी नागरीक पुलिस (सीधी भर्ती, मृतक आश्रित) आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, अगर महिला सिपाही की प्रशिक्षण अवधि 4.5 माह से कम हुई है तो इसे पूरा प्रशिक्षण नए सिरे से लेना होगा। वहीं, यदि प्रशिक्षण का अधिकतर हिस्सा पूरा हो चुका है, तो बचे प्रशिक्षण उसी स्तर से आगे कराया जाएगा, जहां से उसने छोड़ा था। यह प्रक्रिया अगले प्रशिक्षण बैच के साथ पूरी की जाएगी।

इनके लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य

बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में 60244 अभ्यर्थियों का चयन सिपाही नागरिक पुलिस के पद पर हुआ है, जिनमें 12048 महिलाएं शामिल है। इन्हीं चयनित 12048 महिला अभ्यर्थियों के लिए नई गाइडलाइन लागू होगी। इसके अतिरिक्त अगर किसी महिला का प्रशिक्षण शुरु होने से पहले या प्रशिक्षण के एक साल के अंदर प्रसव हो गया है, तो उसे प्रशिक्षण में शामिल होने से पहले अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। वहीं राज्य से बाहर की महिला अभ्यर्थियों को उस जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा, जहां प्रशिक्षण केंद्र स्थित है।

गाइडलाइन का कड़ाई से करना होगा पालन

महिला सिपाहियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर प्रशिक्षण गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लियाा गया है। इस फैसले से महिला अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह तैयार रहना होगा। तभी वह अच्छे से प्रशिक्षित हो पाएंगी। पुलिस विभाग ने साफ किया है कि गाइडलाइन स्थायी रूप से लागू रहेगी और सभी प्रशिक्षण संस्थानों को इसका कड़ाई से पालन करना होगा। साथ ही प्रशिक्षण संस्थानों को महिला सिपाहियों की स्थिति के अनुसार व्यवस्था बनानी होगी।

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