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झीरम हमला सुपारी किलिंग था….तीन मंत्रियों ने केंद्र और NIA पर जमकर साधा निशाना…रविंद्र चौबे बोले- कौन हैं वो लोग, जो जांच से डर रहे हैं…अकबर का आरोप- NIA की बातें भ्रामक …भाजपा ने भी किया पलटवार

झीरम हमला सुपारी किलिंग था….तीन मंत्रियों ने केंद्र और NIA पर जमकर साधा निशाना…रविंद्र चौबे बोले- कौन हैं वो लोग, जो जांच से डर रहे हैं…अकबर का आरोप- NIA की बातें भ्रामक …भाजपा ने भी किया पलटवार
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By NPG News

रायपुर 22 जून 2020। जीरम में कांग्रेस नेताओं पर नक्सली हमले का मामला फिर गरम हो गया है। रविवार को पीड़ित परिवार की प्रेस कांफ्रेंस के बाद आज कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी इस मामले में मोर्चा संभाला और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, मंत्री शिव डहरिया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने आज संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान जीरम में हुए हमले को प्रायोजित और सामूहिक नरसंहार करार दिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि NIA ने क्षमता के साथ इस पूरे मामले की जांच नहीं की।

वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने पूछा, पांच साल से एनआईए इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन क्या इस दौरान उसने पांच पीडि़तों से भी पुछताछ की। उन्होंने कहा, एनआईए कभी कहती है कि जांच हो चुकी है फिर वो कहती है कि जांच चल रही है। उन्होंने पूछा, एनआईए की जांच के बिंदुओं में राजनीतिक षडयंत्र की जांच नहीं है। अकबर ने पूछा, बिलासपुर में जब एनआईए का चालान पेश किया गया तब कहा गया था कि नक्सली आधुनिक हथियारों से लैस थे। लेकिन जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो भरमार बंदूकें उनके पास से बरामद हुईं। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने पूछा,वे कौन लोग हैं जो जांच से डर रहे हैं। उसे रोकना चाहते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा, केंद्र सरकार किसके कहने पर सीबीआई जांच से मना कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना था, जो जांच हुई है उसमें वे बिंदू जानबूझकर शामिल नहीं किए गए जिससे मामले की साजिश का खुलासा हो। एक दिन पहले झीरम पीडि़तों ने प्रेस कांफ्रेंस करके जांच से खुद को असंतुष्ट बताया था।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया, छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता माओवादियों से लगातार संपर्क में रहे हैं। उनके साथ मिलकर राजनीतिक लाभ उठाते रहे हैं। हाल ही में दंतेवाड़ा में भाजपा के ज़िला उपाध्यक्ष जगत पुजारी को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। उनपर माओवादियों को ट्रैक्टर दिलवाने का आरोप है। 2013 में माओवादी नेता पोडियाम लिंगा को सीआरपीएफ़ ने गिरफ़्तार किया था। उसने बयान दिया, वह भाजपा विधायक रहे भीमा मंडावी के गांव तोयलंका का रहने वाला है और रिश्ते में मंडावी का भतीजा है और उनकी मदद करता रहा है। उसने यह भी बताया था कि 2011 के लोकसभा उपचुनाव में माओवादियों ने दिनेश कश्यप की भी मदद की थी। 2014 में रायपुर विमानतल पर एक भाजपा सांसद के वाहन से ठेकेदार धर्मेंद्र चोपड़ा को गिरफ़्तार किया गया था। उसने पुलिस को बयान दिया था कि वह सांसद और माओवादियों के बीच तालमेल का काम करता था।

इधर कांग्रेस के आरोप का भाजपा ने भी पलटवार किया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में जिस वक्त झीरम कांड हुआ था, उस वक्त देश में यूपीए की सरकार थी और केंद्र सरकार के निर्देश पर ही NIA ने जांच शुरू की थी।

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