Jharkhand young man And Philippines girl: "प्यार की कोई सरहद नहीं, फिलीपींस से रांची तक पहुंची शादी की अनोखी कहानी"
Jharkhand young man And Philippines girl: झारखंड के रांची में एक शख्स ने फिलिस्तीनी की लड़की से ने हिंदू रीति-रिवाजों के तहत शादी की है. दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को खुले दिल से स्वीकार किया

Jharkhand young man And Philippines girl: झारखंड के रांची से एक दिलचस्प और रोमांटिक घटना सामने आई है, जिसमें प्यार की सीमाओं को पार करते हुए एक फिलिस्तीनी लड़की ने झारखंड के एक लड़के से शादी की. लड़की फिलीपींस से करीब 4,000 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंची.
दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों के तहत शादी की, जो सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों का संगम भी था. इस अनोखी शादी में प्रेम और संप्रदाय की सीमाएं समाप्त हो गईं, और दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को खुले दिल से स्वीकार किया. यह घटना यह दर्शाती है कि अगर प्यार सच्चा हो तो कोई भी दूरी या सांस्कृतिक भेद इसे रोक नहीं सकता.
दो देशों का प्यार
बता दें कि ईरा फ्रांसिस्का बरनासोल, जो फिलीपींस की रहने वाली हैं, और पीतांबर सिंह, जो रांची के निवासी हैं, की मुलाकात दुबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते वक्त हुई थी. दोनों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई, और फिर उन्होंने शादी करने का फैसला लिया. हालांकि, इस प्यार की राह में एक बड़ा अनोखा मोड़ तब आया जब पीतांबर के परिवार ने इस रिश्ते को मंजूरी देने में संकोच किया.
घर वालों को मनाने करनी पड़ी मशक्कत
दोनों ने अपनी जिद को बरकरार रखते हुए एक दूसरे को अपना जीवनसाथी मानने का फैसला किया और रांची आकर हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने की तैयारी शुरू की. पीतांबर के परिवार ने बेटे की जिद को देखकर आखिरकार उन्हें स्वीकार किया और दोनों की शादी का आयोजन किया. इस दौरान दोनों ने कोर्ट मैरिज भी की और शादी का प्रमाणपत्र प्राप्त किया.
रजिस्ट्री कार्यालय में दिया था आवेदन
रांची के हिनू स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में दूल्हे राजा पीतांबर कुमार सिंह और दुल्हनिया ईरा फ्रांसिस्का बरनासोल ने अपने प्यार को कानूनी मंजूरी दी. दोनों ने रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन देकर शादी का निबंध करवाया. इस कदम से उनके रिश्ते को एक नई दिशा मिली, जो न सिर्फ उनके प्यार की सच्चाई को प्रमाणित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि प्यार का कोई धर्म या देश नहीं होता.
रजिस्ट्रार बाल्मीकि साहू ने दोनों को शादी का सर्टिफिकेट सौंपा, जिससे उनकी शादी को कानूनी रूप से मान्यता मिली. यह पल उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण था, क्योंकि इस प्रमाणपत्र के बाद दोनों का रिश्ता न सिर्फ पारिवारिक बल्कि कानूनी रूप से भी ठोस हो गया.