Jharkhand DGP Anurag Gupta: हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ लेते ही अनुराग गुप्ता को दोबारा बनाया डीजीपी, चुनाव आयोग ने हटाया था...
Jharkhand DGP Anurag Gupta: हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अनुराग गुप्ता को राज्य का डीजीपी बनाया है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता के दौरान अनुराग गुप्ता को हटाकर अजय कुमार सिंह को डीजीपी बना दिया था। राज्य की सत्ता में वापसी होने के साथ ही हेमंत सरकार ने दोबारा अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार सौंप दिया है।
Jharkhand DGP Anurag Gupta: रांची। हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही अनुराग गुप्ता को एक बार फिर से राज्य का डीजीपी बनाया है। विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाकर अजय कुमार सिंह को डीजीपी बना दिया था। आचार संहिता हटने और हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी के साथ ही डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की वापसी हुई है।
बता दे कि अनुराग गुप्ता 1990 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वे वर्तमान में सीआईडी के डीजी और एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी का चार्ज सम्हाल रहे थे। अब उन्हें डीजीपी बनाया गया है। डीजीपी बनने के साथ ही उनके पास यह दोनों प्रभार भी यथावत रहेंगे। अनुराग गुप्ता से पहले 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह राज्य के डीजीपी थे। उन्हें इसी वर्ष 26 जुलाई को हेमंत सोरेन सरकार ने डीजीपी के पद से हटाते हुए झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड का अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बनाया था। उनके स्थान पर अनुराग गुप्ता को झारखंड का डीजीपी सोरेन सरकार ने नियुक्त किया था। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग ने 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाकर अजय कुमार सिंह को डीजीपी बना दिया गया था।
बता दे इसके पीछे अनुराग गुप्ता पर हॉर्स ट्रेडिंग के पुराने आरोप थे। वर्ष 2016 में रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अनुराग गुप्ता के खिलाफ विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल रहने के आरोप लगे थे। तब वे सीआईडी में एडीजी के पद पर पदस्थ थे।अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व काल में अनुराग गुप्ता पर राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद–फरोख्त में शामिल होने का आरोप वर्ष 2016 में भी लग चुका है। तब वे सीआईडी में एडीजी के पद पर पदस्थ थे। तब की घटना का 29 मार्च 2018 को जगन्नाथपुर थाने में उनके खिलाफ सरकार ने चुनाव आयोग के निर्देश पर अपराध दर्ज करवाया था। 14 फरवरी 2020 को उन्हें हेमंत सरकार ने निलंबित कर दिया था। फोन पर विधायकों को भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए लालच देने और धमकाने का आरोप लगाया गया था।
वर्ष 2022 में अनुराग कुमार गुप्ता को डीजी का रैंक प्रदान किया गया था। उनके पास सीआईडी और एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी का प्रभार था। 26 जुलाई 2024 को अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार हेमंत सोरेन सरकार ने ही सौंपा था। अनुराग गुप्ता के पास डीजीपी के अलावा सीआईडी और एसीबी का भी अतिरिक्त प्रभार था।
चुनाव आयोग ने उन्हें हटाकर 1989 बैच के आईपीएस अजय कुमार सिंह को 19 अक्टूबर को डीजीपी बनाया था। उनके पास पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष का भी अतिरिक्त प्रभार था। झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव थे। 23 नवंबर को घोषित नतीजों में हेमंत सोरेन की सरकार दुबारा वापस आ गई। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने अनुराग गुप्ता को वापस डीजीपी बना दिया। एसीबी और सीआईडी का अतिरिक्त प्रभार उनके पास बना रहेगा। वही अजय कुमार सिंह अब केवल पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के पद पर रहेंगे।
दोबारा डीजीपी का चार्ज लेने के साथ ही अनुराग गुप्ता ने पुलिस बल को संवेदनशील होने के निर्देश दिए हैं। अनुराग गुप्ता ने कहा कि जल्द ही राज्य के सभी जिलों का दौरा कर वहां हर प्रकार के संगठनों से मिलने का काम किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से जनता से पहुंच सुलभ किया जाएगा। इसके लिए व्हाट्सएप और ईमेल आईडी को सशक्त किया जाएगा। राज्य के हर थाने के बाहर पुलिस के उच्च अधिकारियों के ईमेल आईडी और कांटेक्ट नंबर उपलब्ध रहेंगे। अगर थाने में किसी व्यक्ति को न्याय नहीं मिलेगा तो वह उच्च अधिकारियों को शिकायत कर सकेगा। अनुराग गुप्ता ने कहा कि पुलिस की वर्दी सामाजिक सेवा के लिए है, और यह वाक्य सिपाही से लेकर डीजीपी तक सबके लिए लागू होता है।