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Jharkhand Crime News : गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला इलाका : मुर्गा लड़ाई देख रहे हिस्ट्रीशीटर पर अंधाधुंध फायरिंग, बदमाशों ने सरेआम उतारा मौत के घाट

जब एक साप्ताहिक हाट बाजार में मुर्गा लड़ाई देख रहे कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विजय तिर्की की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

Jharkhand Crime News : गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला इलाका : मुर्गा लड़ाई देख रहे हिस्ट्रीशीटर पर अंधाधुंध फायरिंग, बदमाशों ने सरेआम उतारा मौत के घाट
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By UMA

Saraikela History-sheeter Murder : सरायकेला (झारखंड) : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले से एक रूह कंपा देने वाली वारदात सामने आई है। यहां के चांडिल थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक साप्ताहिक हाट बाजार में मुर्गा लड़ाई देख रहे कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विजय तिर्की की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने वारदात को इतनी बेरहमी से अंजाम दिया कि विजय को संभलने तक का मौका नहीं मिला और मौके पर ही उसकी जान चली गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

Saraikela History-sheeter Murder : बाजार में मची भगदड़, गोलियों की तड़तड़ाहट से दहला इलाका जानकारी के अनुसार, घटना चांडिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिलगू गांव के पास लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार की है। यहां पारंपरिक रूप से मुर्गा लड़ाई का आयोजन किया जा रहा था, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में ग्रामीण जुटे थे। विजय तिर्की भी इसी भीड़ का हिस्सा था और खेल का आनंद ले रहा था। इसी दौरान, पहले से ही घात लगाए बैठे अज्ञात बदमाशों ने विजय को निशाने पर लिया और उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।

चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने विजय के सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से को निशाना बनाकर कई राउंड फायरिंग की। गोलियों की आवाज सुनते ही बाजार में भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। खून से लथपथ विजय तिर्की जमीन पर गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी बड़ी आसानी से भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए।

पुरानी रंजिश और गैंगवार का शक

पुलिस के मुताबिक, मृतक विजय तिर्की का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वह इलाके का हिस्ट्रीशीटर था और कई संगीन मामलों में उसका नाम आ चुका था। पुलिस को प्राथमिक जांच में यह मामला पुरानी रंजिश या आपसी गैंगवार का लग रहा है। आशंका जताई जा रही है कि किसी विरोधी गुट ने वर्चस्व की लड़ाई या पुराने हिसाब चुकता करने के लिए इस हत्याकांड की साजिश रची होगी।

चांडिल थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना स्थल से पुलिस को गोलियों के खोखे भी बरामद हुए हैं। पुलिस अब विजय के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स और बाजार में मौजूद लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि हमलावरों का कोई सुराग मिल सके। जिले की सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है और संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

झारखंड में बढ़ता अपराध का ग्राफ

झारखंड में पिछले कुछ समय से अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। इस हत्याकांड से पहले भी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बर्बर हत्याओं के मामले सामने आए हैं। बीते नवंबर महीने में पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा थाना क्षेत्र में भी एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटना हुई थी। वहां लिपुंगा गांव में अपराधियों ने घर में घुसकर एक वृद्ध दंपति (72 वर्षीय सर्गिया बालमुचू और 65 वर्षीय मुक्ता बालमुचू) की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी।

लगातार हो रही इन आपराधिक वारदातों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरायकेला के ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है कि भीड़भाड़ वाले बाजार में अपराधी हथियार लेकर कैसे पहुंचे और वारदात कर फरार कैसे हो गए। फिलहाल, पुलिस प्रशासन ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।

असुरक्षित महसूस कर रहे ग्रामीण

साप्ताहिक हाट बाजार ग्रामीणों के लिए न केवल खरीदारी का केंद्र होते हैं, बल्कि सामाजिक मेलजोल की जगह भी होते हैं। लेकिन इस तरह की सरेआम हत्याओं ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। विजय तिर्की की मौत ने भले ही एक अपराधी का अंत किया हो, लेकिन जिस तरह से सार्वजनिक स्थान पर गोलियां चलीं, उसने मासूम नागरिकों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया था।

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