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IPS Kishan Sahay Meena: आईपीएस सस्पेंडः बिना इजाजत घर जाने वाले IPS को चुनाव आयोग ने किया सस्पेंड, अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश

IPS Kishan Sahay Meena: आईपीएस किशन सहाय मीणा की पर्यवेक्षक के तौर पर ड्यूटी चुनाव आयोग ने झारखंड के गुमला जिले के तीन विधानसभा सीटों के लिए लगाई थी। पर आईपीएस अधिकारी ड्यूटी अधूरी छोड़कर बिना चुनाव आयोग को सूचना दिए और बिना अनुमति के 28 अक्टूबर को जयपुर राजस्थान वापस लौट गए। जिस पर चुनाव आयोग ने कार्यवाही के निर्देश देते हुए निलंबन के आदेश जारी करने के सेक्रेटरी को निर्देशित किया है। इसके अलावा 7 दिनों में चार्जशीट थमा अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए भी पत्र में कहा है।

IPS Kishan Sahay Meena: आईपीएस सस्पेंडः बिना इजाजत घर जाने वाले IPS को चुनाव आयोग ने किया सस्पेंड, अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश
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By NPG News

IPS Kishan Sahay Meena: रांची। चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के आईपीएस किशन सहाय मीणा को निलंबित कर दिया है। किशन सहाय मीणा राजस्थान कैडर के 2004 बैच के आईपीएस हैं। उनकी पुलिस पर्यवेक्षक के तौर पर ड्यूटी झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए लगाई गई थी। पर उन्होंने चुनाव आयोग से बगैर अनुमति लिए वापस जयपुर राजस्थान लौट गए। जिस पर चुनाव आयोग ने निलंबन की कार्यवाही की है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र लिखा है।

राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशन सहाय मीणा 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें चुनाव आयोग ने झारखंड के गुमला जिले की तीन विधानसभा सीटों गुमला, सिसाई, बिशुनुपुर के लिए पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। पर चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई ड्यूटी छोड़कर 28 अक्टूबर को वह बिना आयोग की अनुमति लिए गुमला से वापस राजस्थान जयपुर लौट गए। चुनाव की ड्यूटी पूरा होने से पहले बिना अनुमति और सूचना दिए होम कैडर वापस लौटने पर चुनाव आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव ड्यूटी में अनियमितता और लापरवाही पर आईपीएस किशन सहाय मीणा को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आयोग ने किशन सहाय मीणा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने तथा 7 दिनों के भीतर चार्जशीट सौंपने के निर्देश भी राजस्थान के मुख्य सचिव को दिए हैं।

23 अक्टूबर को जारी हुए थे आदेश

पर्यवेक्षक के तौर पर ड्यूटी लगाई जाने की अनुशंसा 21 अक्टूबर को राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को की थी। जिस पर 23 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने आदेश जारी किए थे। 24 अक्टूबर को उन्हें निर्धारित जिले में ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश थे। 25 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि थी। उन्हें वोटिंग तक निर्धारित जगह में ड्यूटी करनी थी। पर वे चार दिनों में ही वापस चले गए।

प्रमोटी आईपीएस

आईपीएस किशन सहाय मीणा प्रमोटी आईपीएस है। मूलतः राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले मीणा राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षा दिलाकर डीएसपी के पद पर चयनित हुए थे। वर्ष 2013 में उन्हें आईपीएस अवार्ड हुआ और आईपीएस 2004 कैडर एलॉट हुआ। किशन सहाय मीणा आईपीएस अवार्ड होने के बाद वर्ष 2013 में ही सिर्फ टोंक जिले के एसपी के पद पर पांच माह रहे हैं। जनवरी 2014 में टोंक एसपी के पद से हटाकर उन्हें जीआरपी अजमेर में भेज दिया गया था। 6 महीना हो गए बिना विभाग के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ रहे। बाद में वे जेल, सीआईडी और आरएसी में भी पदस्थ रहे। वर्तमान में मानवाधिकार आयोग में आईजी के पद पर है।

सोशल मीडिया पोस्ट से भी आए थे विवादों में

आईपीएस किशन सहाय मीणा फेसबुक पर पोस्ट के कारण भी विवाद में आए थे। फेसबुक में उन्होंने भगवान, ईश्वर, गॉड, अल्लाह, वाहेगुरु को मनगढ़ंत बताया था। मीणा की पोस्ट के मुताबिक भगवान या अल्लाह होते तो वह भारतीयों को गुलाम नहीं बनने देते। उन्होंने ईश्वरीय शक्ति के बारे में कहा कि बहुत प्रकार से इसका खंडन किया जा सकता है। क्यों किया है ही नहीं यह सिर्फ कल्पना मात्र और मनगढ़ंत है। उन्होंने विज्ञान को मानव विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि विज्ञान ही मानव जीवन के तरक्की का महत्वपूर्ण आधार है। उनके पोस्ट पर जमकर विवाद हुआ था।

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