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Dhanbad News : मासूम की चीख से हिल गई अस्पताल की दीवारें... प्रेमी का प्यार पड़ा महंगा और सिर्फ 13 साल की उम्र में बन गई मां, सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची लिया बयान, पुलिस भी हरकत में

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Dhanbad News : मासूम की चीख से हिल गई अस्पताल की दीवारें... प्रेमी का प्यार पड़ा महंगा और सिर्फ 13 साल की उम्र में बन गई मां, सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची लिया बयान, पुलिस भी हरकत में
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By Meenu Tiwari

धनबाद। धनबाद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां गुड्डा गुड़िया खेलने की उम्र में एक बच्ची मां बन गई। 13 साल की उम्र में ही एक लड़के के प्रेम में पडी उस बच्ची की 18 साल के प्रेमी ने जीवन भर का साथ देने की कसम खाने के बाद उसकी जिंदगी ही बर्बाद कर दी.


मामला धनबाद के पड़ोसी जिले गिरिडीह जिले डुमरी का है। 18 साल के प्रेमी सुभाष सिंह ने पहले प्रेमजाल में फांसा फ़िर नजदीकियां बढ़ायी और जब गर्भवती हो गई तो दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंका। डर और शर्म से गर्भवती मासूम को पहले तो घरवालों ने घर में छिपाने की कोशिश की। पर जब प्रसव पीड़ा हुई तो पहले नजदीक के अस्पताल और फिर धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया।


मासूम की चीख से अस्पताल की दीवारें हिल गईं। बुधवार की रात उसने बच्चे को जन्म दिया। मामला संज्ञान में आने पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी-सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची और उसका बयान लिया। पुलिस भी हरकत में आयी। मामला गिरिडीह जिले का होने के कारण डुमरी थाने में पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।




एसएनएमएमसीएच में बच्चे को जन्म देने वाली 13 वर्षीया नाबालिग मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी अध्यक्ष के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी ने अस्पताल पहुंच कर नाबालिग से पूरे मामले की जानकारी ली और उसका बयान लिया। कमेटी में सीडब्ल्यूसी सदस्य ममता अरोड़ा के साथ सामाजिक कार्यकर्ता अनीता पंडित व प्रीति कुमारी थीं। उसके स्वजन और पुलिस अधिकारियों से भी बात की। डाक्टर से नाबालिग की स्थिति की जानकारी ली जिसमें बताया कि वह स्वस्थ है।


13 साल में बच्चे को जन्म देनेवाली नाबालिग मां ही बच्चे को साथ रखने या सरेंडर का निर्णय लेगी। बच्चे को सरेंडर करने के लिए उसे बाध्य नहीं किया जा सकता है। सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि मामला गिरिडीह जिले का है। नाबालिग के मामले में गिरिडीह सीडब्ल्यूसी ही आगे की प्रक्रिया अपनाएगी। कमेटी ने पीड़िता का बयान लिया है जिसे गिरिडीह सीडब्ल्यूसी को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।


पॉक्सो कानून क्या है?

पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम, 2012 का उद्देश्य बच्चों को यौन अपराधों से बचाना है। इस कानून के तहत, 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह आपसी सहमति से हो। ऐसे अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। इस तरह के मामलों की जानकारी पुलिस को तुरंत देना अनिवार्य है। यह बॉक्स कानून के महत्व और उसकी गंभीरता को उजागर करेगा।


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