Aalim Fazil Degree Jharkhand: झारखंड सरकार ने Aalim-Fazil डिग्री को दी सरकारी मान्यता, भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू, पढ़ें किसे मिलेगा फायदा?
Aalim Fazil Degree Jharkhand: Aalim और Fazil डिग्रीधारकों के लिए बड़ी राहत। झारखण्ड गवर्नमेंट ने इन डिग्रियों को हाई स्कूल और इंटर के बराबर मानकर Assistant Acharya Bharti 2023 की राह साफ कर दी।

Aalim Fazil Degree Jharkhand: झारखंड सरकार ने Aalim-Fazil डिग्री को दी सरकारी मान्यता, भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू, पढ़ें किसे मिलेगा फायदा?
रांची। झारखंड सरकार ने Aalim और Fazil डिग्रियों को आधिकारिक रूप से सरकारी नौकरियों में मान्यता देकर एक बड़ा और इतिहास रचने वाला कदम उठाया है। लंबे समय से मदरसा शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र इन डिग्रियों को हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के समकक्ष मान्यता दिलाने की मांग करते आ रहे थे। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद अब यह साफ हो गया है कि Aalim को हाई स्कूल और Fazil को इंटरमीडिएट के बराबर माना जाएगा। इस फैसले से राज्य में हजारों मुस्लिम युवाओं को डायरेक्ट बेनिफिट मिलने वाला है और सरकारी नौकरियों के लिए उनके रास्ते पूरी तरह खुल गए हैं।
सहायक आचार्य भर्ती 2023 में अटकी नियुक्तियों को मिली मंजूरी
पिछले कुछ महीनों से Assistant Acharya Bharti 2023 में चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में अटका हुआ था। दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए Aalim और Fazil डिग्रीधारकों की प्रक्रिया रोक दी गई थी, जिससे चयनित उम्मीदवार चिंता और असमंजस में थे। झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन हिदायतुल्लाह खान ने मामले को गंभीरता से उठाया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उच्च शिक्षा मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की अपील की। सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद अब इन नियुक्तियों को रोकने वाली सभी बाधाएं हट गई हैं और अभ्यर्थियों की नियुक्तियां बिना किसी देरी के आगे बढ़ेंगी।
मदरसा शिक्षा को मिला मुख्यधारा में स्थान
Aalim और Fazil की डिग्रियां इस्लामी शिक्षा के साथ-साथ अरबी, फारसी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को दी जाती हैं। झारखंड सरकार का यह फैसला मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा के बराबर अधिकार देने वाला कदम साबित हुआ है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि यह निर्णय न केवल सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार शिक्षा के हर रूप को समान महत्व देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का उद्देश्य यही है कि कोई भी युवा अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के कारण अवसरों से वंचित न रहे।
युवाओं में खुशी की लहर
राज्यभर में इस फैसले का व्यापक स्वागत किया गया है। मदरसा छात्र जो वर्षों से अपनी डिग्रियों की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे थे, अब सरकारी नौकरियों में आवेदन कर सकेंगे और योग्यता के आधार पर नौकरी प्राप्त कर सकेंगे। Assistant Acharya Bharti 2023 में चयनित अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है क्योंकि उनका भविष्य अब असमंजस में नहीं है। इस फैसले के बाद मदरसा शिक्षा से निकलने वाले छात्रों के लिए सरकारी नौकरियों, उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के रास्ते साफ हो गए हैं, जिससे समुदाय में नई दिशा और नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
