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क्या भ्रष्टाचार का गढ़ बनते जा रहा है बलौदाबाजार जिले का स्कूल शिक्षा विभाग… जमकर हो रही उगाही और रंगे हाथ पकड़ा रहे बाबू….. भ्रष्ट लोगों को बचाने की भी हो रही है पुरजोर कोशिश !

क्या भ्रष्टाचार का गढ़ बनते जा रहा है बलौदाबाजार जिले का स्कूल शिक्षा विभाग… जमकर हो रही उगाही और रंगे हाथ पकड़ा रहे बाबू….. भ्रष्ट लोगों को बचाने की भी हो रही है पुरजोर कोशिश !
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By NPG News

बलौदाबाजार 24 जुलाई 2021। बलौदाबाजार- भाटापारा से एक के बाद एक जिस प्रकार के मामले स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित सामने आ रहे हैं उससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या बलौदा बाजार भाटापारा जिले का स्कूल शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का नया केंद्र बनकर उभर रहा है क्योंकि यहां कलेक्टर की कार्रवाई भी हो रही है। एसीबी के छापे भी पढ़ रहे हैं और रंगे हाथ बाबू गिरफ्तार भी हो रहे उसके बाद भी भ्रष्टाचारियों का हौसला पस्त नहीं हो रहा है और रोज नए मामले सामने आ रहे हैं । कल ही जिले के बिलाईगढ़ बीईओ आफिस के एक बाबू को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है जो शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी के बेटे से जीपीएफ, गेच्यूटी और मेडिकल क्लेम के नाम पर पैसे की डिमांड कर रहा था।

कर्मचारी का करीब 2.35 लाख रूपये निकलना था, लेकिन बाबू रथराम बंजारे लगातार पैसे मांग रहा था। प्रार्थी पैसे लेकर बीईओ आफिस बिलाईगढ़ के बाबू के पास पहुंचा और फिर पैसे लेते ही एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया। हालांकि इस मामले में डीईओ ने उसी शाम बीईओ के बाबू को सस्पेंड करने का आदेश जरूर जारी कर दिया है, लेकिन बीईओ आफिस में चल रहे इस घूसखोरी के खेल में बड़े जिम्मेदारों की अनिभिज्ञता होने का सवाल ही नहीं उठता।

एक अन्य मामले में जिले के निजी व सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों की कलेक्टर के पास शिकायत हुई है जिसमें छात्रों के पालकों से टीसी देने के लिए प्रति छात्र 2000 से ₹10000 की मांग हो रही है, दुर्भाग्य का विषय है ऐसे मामलों में छापामार कार्रवाई करके विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय जिला शिक्षा अधिकारी ने एक चेतावनी पत्र जारी कर दिया है कि यदि ऐसा मामला सामने आता है तो आप के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जबकि पालक यह मामला लेकर ही जिलाधीश के पास पहुंचे थे इस उम्मीद के साथ ऐसे विद्यालयों पर कार्रवाई की गाज गिरेगी ।

इससे पहले बोकरा भात प्रकरण में भी जिला शिक्षा अधिकारी ने आरोपी प्राचार्य आर आर जगत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन प्राचार्य की हिमाकत देखिए उन्होंने आज पर्यंत तक जिला शिक्षा अधिकारी को अपना जवाब ही प्रस्तुत नहीं किया है और अब जिला शिक्षा अधिकारी उन्हें फिर से एक बार रिमाइंडर पत्र देने की बात कह रहे हैं । कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है जैसे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है और यदि यही हाल रहा तो आगे और भी ऐसे मामले सामने आने से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जब तक असली खिलाड़ियों पर शिकंजा नहीं करेगा तब तक छोटे मोहरों को शिकार करने से कोई फायदा नहीं होगा ।

इस मामले में डीईओ सीएस ध्रुव ने बताया कि

बोकरा भात मामले में प्राचार्य से जानकारी मांगी गयी है, तय समय जवाब नहीं आया तो दोबारा रिमांडर भेजा गया है, अगर इस मामले में कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो निश्चित ही कार्रवाई होगी। मामले में शिकायतकर्ता शिक्षिका ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया था, इसलिए इस तरह का मामला आया है। जवाब आने के बाद गड़बड़ी मिली तो निश्चित ही कार्रवाई की जायेगी।

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