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आईपीएस की शादी

आईपीएस की शादी
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By NPG News

संजय के दीक्षित
तरकश, 3 जनवरी 2021
2019 बैच के आईपीएस योगेश पटेल आईएएस रोमा श्रीवास्तव के साथ परिणय सूत्र में बंध गए हैं। भिलाई पुलिस बटालियन के मंदिर में उन्होंने रोमा के साथ सात फेरे लिए। इस अवसर पर दुर्ग आईजी विवेकानंद सिनहा, राजनांदगांव एसपी डी श्रवण, कमांडेंट गोवर्द्धन ठाकुर समेत वर-वधु को आर्शीवाद देने के लिए मौजूद थे। उनके अलावा कोई और नहीं। महासमुंद के रहने वाले योगेश फिलहाल राजनांदगांव में प्रोबेशनर हैं। रोमा वैसे हैं तो झारखंड की मगर उनके पैरेंट्स कोरबा में रहे…पढ़ाई भी एनआईटी रायपुर से हुई। पहली बार आईपीएस के लिए सलेक्ट हुई रोमा को तमिलनाडू कैडर मिला था। दोबारा उन्होंने फिर से यूपीएससी दिया और इस साल आईएएस मिल गया। उन्हें अभी कैडर अलाॅट नहीं हुआ है। बताते हैं, योगेश और रोमा एक साथ आईपीएस बने थे। दोनों ने फिर से यूपीएससी दिया। इसमें रोमा आईएएस बन गई। योगेश का हार्ड लक ये रहा कि दूसरी बार भी उन्हें आईपीएस मिला। चलिये, योगेश आईएएस नहीं बन पाए लेकिन, आईएएस से शादी कर छत्तीसगढ़ कैडर की एक संख्या तो बढ़ा दिए।

हार्ड लक!

2002 बैच के दोनों आईएएस डाॅ0 रोहित यादव और डाॅ0 कमलप्रीत सिंह पिछले साल भारत सरकार में ज्वाइंट सिकरेट्री के लिए इम्पेनल हुए थे। इस लिहाज से समझा जा रहा था कि इस साल 2003 बैच के कम-से-कम आधे आईएएस तो जेएस के लिए इम्पेनल हो ही जाएंगे। मगर पता नहीं भारत सरकार ने कौन सा फार्मूला अपनाया कि छत्तीसगढ़ से एक भी आईएएस को इसमें जगह नहीं मिल सकी। इस बैच में डायरेक्ट और प्रमोटी को मिलाकर कुल 9 आईएएस हैं। इनमें कुछ तो काफी ठीक-ठाक हैं। उम्मीद करते हैं केंद्र सरकार शायद सेकेंड लिस्ट जारी करें और उसमें अपने कैडर के अफसरों को भी जगह मिल जाए।

डेपुटेशन पर हिमांशु

एडीजी हिमांशु गुप्ता डेपुटेशन पर राजस्थान जाने की खबर आ रही हैं। पता चला है सरकार ने उन्हें एनओसी देने के लिए सहमति दे चुकी है। एनओसी मिलने के बाद आवश्यक प्रक्रिया उपरांत हिमांशु जयपुर की फ्लाइट पकड़ लेंगे। राजस्थान हिमांशु का गृह प्रदेश है। हिमांशु जा रहे हैं तो एडीजी राजेश मिश्रा BSF की प्रतिनियुक्ति से रायपुर लौटने की चर्चा है। राजेश 90 बैच के आईपीएस हैं। वे दुर्ग में एसपी रहे और बिलासपुर में आईजी। डीजी अशोक जुनेजा के बाद सीनियरिटी में राजेश का नम्बर है। नियमानुसार इस साल उन्हें डीजी बन जाना चाहिए। बहरहाल, हिमांशु के डेपुटेशन पर जाने के बाद समझा जाता है एसआरपी कल्लूरी को पीएचक्यू में प्रशासन का जिम्मा दिया जाए।

अंकित गर्ग को एक्सटेंशन

आईपीएस अंकित गर्ग को भारत सरकार ने दो साल का एक्सटेंशन दे दिया है। वे 2015 में डेपुटेशन पर एनआईए में गए थे। एनआईए में उनके पास नक्सल सेल का जिम्मा है। पांच साल की समयवधि पूरी होने के बाद एमएचए ने उन्हें दो साल की सेवावृद्धि दे दी है। यानी अब वे 2022 में छत्तीसगढ़ लौटेंगे।

पुरंदेश्वरी की हिंदी

बीजेपी की नई प्रभारी डी0 पुरंदेश्वरी साउथ से आती हैं, लिहाजा उनकी हिंदी पर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होंगे। लेकिन, ऐसा नहीं….उनकी हिंदी इतनी अच्छी है कि भाषण में इस्तेमाल किए गए कई शब्दों से बीजेपी नेता आवाक रह गए। हां ये जरूर हुआ कि अधिकांश बीजेपी नेता अपने उद्बोधन में डी. पुरंदेश्वरी का उच्चारण एक बार में नहीं कर सकें। कुछ बीच में अटक गए….तो कुछ पुरंदे…पुरंदेश्व करते हुए आगे बढ़ गए। बीजेपी के कई नेता अब एक बार में पुरंदेश्वरी बोल जाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

झटका-1

आईएएस अभिजीत सिंह को कलेक्टरी से हटा दिया गया। वे मई में कलेक्टर बनकर नारायणपुर गए थे। वे अपने पहले जिले में मात्र छह महीने ही रह पाए। सरकार ने उन्हें पाठ्य पुस्तक निगम का एमडी अपाइंट किया है। आईएएस के लिए यह पोस्टिंग बहुत अच्छी नहीं मानी जाती। आप इससे समझ सकते हैं कि राज्य बनने के बाद कोई डायरेक्ट आईएएस इस पद पर नहीं रहा है। आईएफएस जरूर पापुनि के एमडी रहे हैं। अभिजीत का लगता है, ग्रह-नक्षत्र ठीक नहीं चल रहा। पिछली सरकार में ग्राम सुराज के समय तब के सीएम रमन सिंह ने उन्हें कोंडागांव जिपं सीईओ से हटा दिया था। और अब कलेक्टरी से।

झटका-2

एडिशनल पीसीसीएफ अरुण पाण्डेय को सरकार ने पोस्टिंग के नौ दिनों मेें ही वन मुख्यालय में विकास और योजना से हटा दिया। उनकी जगह पर जैव विविधता बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री तपेश झा को भेजा गया है और अरुण को झा की जगह पर। ये कैसे हुआ…क्यों हुआ, वन महकमा सकते में है। महत्वपूर्ण यह है कि इस ट्रांसफर के बारे में वन महकमे के किसी को भनक तक नहीं लग सकी। पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी राजधानी से बाहर थे। दो लाईन का नोट आया और आदेश जारी हो गया।

पुलिस का नम्बर

नये साल में जवानों के साथ मुख्यमंत्री का लंच और मुलाकात कार्यक्रम काफी हिट रहा। इसके लिए सीएम सचिवालय से 30 दिसंबर को एक लाइन का मैसेज आया था…इसे करना है। और खुफिया चीफ आनंद छाबड़ा ने 24 घंटे में इसका आयोजन कर दिया। जाहिर है, इससे पुलिस का नम्बर बढ़ा है…नक्सल एरिया में तैनात पैरा मिलिट्री जवानों ने भी छत्तीसगढ़ पुलिस के कोआर्डिनेशन की तारीफ की।

तीन साल में 5 जिला

आईएएस डोमन सिंह ने कलेक्टरी का रिकार्ड बना दिया है… कम समय में ज्यादा जिले के कलेक्टर बनने का। ताजा फेरबदल में उन्हें महासमुंद जिले की कमान सौंपी गई है। 2018 मध्य में उन्होंने मंुगेली से कलेक्टरी की पारी शुरू की थी। इसके बाद कांकेर, फिर कोरिया और गौरेला-पेंड्रा। और अब महासमंद। हालांकि, कांकेर में उन्हें कम समय रहने का मौका मिला। लोकसभा चुनाव के दौरान गृह जिला होने के कारण उन्हें हटना पड़ गया था। प्रमोटी आईएएस में पांच जिला करने वाले डोमन सिंह छत्तीसगढ़ के पहले कलेक्टर होंगे। प्रमोटी में अभी तक चार जिला करने का रिकार्ड ठाकुर राम सिंह के पास है। हालांकि, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और रायगढ़ जैसे बड़े जिले का कलेक्टर रहने का ठाकुर राम सिंह का रिकार्ड टूटेगा, इसमें अब संशय है। अब कलेक्टर छह महीने, एक साल में पेवेलियन लौट जा रहे हैं। फिर, अब आईएएस में संख्या भी काफी हो गई है। पहले संख्या काफी कम होती थी। एक बैच में छत्तीसगढ़ को इक्का-दुक्का आईएएस मिलते थे।

एक और लिस्ट

सरकार ने तीन कलेक्टरों को बदल दिया। नारायणपुर, महासमंुद में प्रमोटी आईएएस को मौका दिया गया तो गौरेला में डायरेक्ट आईएएस नम्रता गांधी को। नम्रता 2013 बैच में सबसे उपर थीं। इस बैच के विनीत नंदनवार पहले ही कलेक्टर बन चुके हैं। 2013 बैच के अभी चार आईएएस क्यूं में हैं। जाहिर है, उन्हें भी कलेक्टर बनाया जाएगा। साथ ही दो-तीन बड़े जिले के कलेक्टर भी आने वाले समय में बदलेंगे। एक बड़े जिले के कलेक्टर का लास्ट मोमेेंट में कैच छूट गया, वरना वे आउट हो गए होते।

अंत में दो सवाल आपसे

1. आधा दर्जन सीनियर आईपीएस की पोस्टिंग के बाद क्या अब पुलिस अधीक्षकों की लिस्ट निकलेगी ?
2. जब कमिश्नर बनाने के लिए अफसर नहीं मिल रहे तो सरकार को इस सिस्टम को बंद करने पर विचार क्यों नहीं करना चाहिए?

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