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Trump Reciprocal Tariffs: ग्लोबल ट्रेड वॉर की आहट! भारत समेत कई देशों को अमेरिका का झटका! नए टैरिफ का ऐलान, जानें भारत पर क्या होगा असर?

Trump Reciprocal Tariffs: अमेरिका आज (2 अप्रैल 2025) से दुनियाभर के लिए अपने जवाबी टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लागू करने जा रहा है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'लिबरेशन डे' का नाम दिया है।

Trump Reciprocal Tariffs: ग्लोबल ट्रेड वॉर की आहट! भारत समेत कई देशों पर अमेरिका का झटका! नए टैरिफ का ऐलान, जानें भारत पर क्या होगा असर?
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By Ragib Asim

Trump Reciprocal Tariffs: अमेरिका आज (2 अप्रैल 2025) से दुनियाभर के लिए अपने जवाबी टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लागू करने जा रहा है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'लिबरेशन डे' का नाम दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने पुष्टि की कि ट्रंप आज शाम 4 बजे (अमेरिकी समय) व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे। इस कदम से भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। भारतीय शेयर बाजार में भी इसकी आहट से हलचल देखी जा रही है। ट्रंप का दावा है कि ये टैरिफ अमेरिकी श्रमिकों और उद्योगों को संरक्षण देंगे, लेकिन विशेषज्ञ इसे ग्लोबल ट्रेड वॉर की शुरुआत मान रहे हैं।

ट्रंप का 'लिबरेशन डे' और टैरिफ की योजना

राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से कहते आए हैं कि कई देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका ऐसा नहीं करता। व्हाइट हाउस के मुताबिक, भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100% टैरिफ, कनाडा मक्खन और चीज़ पर 300%, यूरोपीय संघ डेयरी पर 50%, और जापान चावल पर 700% टैरिफ लगाता है। ट्रंप की जवाबी टैरिफ नीति के तहत अब अमेरिका भी इन देशों से आयात पर वैसा ही शुल्क लगाएगा। आज की घोषणा में टैरिफ की पूरी रूपरेखा सामने आएगी, जिसे ट्रंप अपने कारोबारी सलाहकारों के साथ अंतिम रूप दे रहे हैं।

भारत पर क्या होगा असर?

भारत, जो अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इस नीति से प्रभावित हो सकता है। भारत के फार्मा, टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और ऑटोमोबाइल जैसे निर्यात क्षेत्रों पर दबाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका भारत से आयात पर 100% टैरिफ लगाता है, तो भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान होगा। इससे रुपये पर दबाव बढ़ेगा और घरेलू महंगाई में भी इजाफा हो सकता है। हालांकि, भारत बातचीत के जरिए कुछ छूट हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

व्हाइट हाउस का रुख: बातचीत के रास्ते खुले

प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर कोई देश या उद्योगपति छूट चाहता है, तो वह उनसे संपर्क कर सकता है।" कई देशों ने पहले ही ट्रंप प्रशासन से संपर्क शुरू कर दिया है। लीविट ने जोर देकर कहा कि ट्रंप का फोकस अमेरिकी श्रमिकों को उचित मौका देना है। कनाडा, मैक्सिको और भारत जैसे देशों पर इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है।

टैरिफ क्या है और क्यों लगाया जाता है?

टैरिफ एक प्रकार का कर (Tax) है, जो सरकारें आयात या निर्यात पर लगाती हैं। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना, राजस्व जुटाना और व्यापार संतुलन बनाए रखना है। ट्रंप की 'जवाबी टैरिफ' नीति का मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर 10% शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाले सामानों पर 10% टैरिफ लगाएगा। यह नीति वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकती है और जवाबी कार्रवाइयों को जन्म दे सकती है।

वैश्विक ट्रेड वॉर की आशंका

ट्रंप के इस कदम से कनाडा, मैक्सिको, चीन और यूरोपीय संघ जैसे देशों में तनाव बढ़ गया है। कनाडा और मैक्सिको पहले ही जवाबी टैरिफ की घोषणा कर चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर सकती है और महंगाई को बढ़ा सकती है। भारतीय शेयर बाजार में भी आज सुबह से उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। क्या भारत इस चुनौती से निपट पाएगा? नजरें ट्रंप की आज की घोषणा पर टिकी हैं।

Ragib Asim

Ragib Asim-रागिब असीम एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो वर्तमान में एनपीजी न्यूज (डिजिटल) में न्यूज़ एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। बिहार के बेतिया में जन्मे और पले-बढ़े रागिब ने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की, जिसके बाद उन्होंने डिजिटल मीडिया की ओर सफलतापूर्वक रुख किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्हें 10 वर्षों से भी अधिक का अनुभव प्राप्त है, विशेष रूप से न्यू मीडिया में उनकी गहरी पकड़ है। अपने करियर के दौरान उन्होंने हिंदुस्तान समाचार, न्यूज़ ट्रैक, जनज्वर और स्पेशल कवरेज न्यूज़ हिंदी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य किया है। विज्ञान, भू-राजनीति, अर्थव्यवस्था और समसामयिक विषयों में उनकी विशेष रुचि है। रागिब असीम सटीक, तथ्यपरक और पठनीय कंटेंट के माध्यम से अपने पाठकों को गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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