Turkey Plane Crash : तुर्किये में भीषण विमान हादसा : लीबियाई सैन्य प्रमुख अल-हद्दाद समेत 8 की मौत, अंकारा एयरपोर्ट पर हड़कंप
Turkey Plane Crash : तुर्किये की राजधानी अंकारा के पास एक ऐसा हृदयविदारक विमान हादसा हुआ जिसने न केवल तुर्किये बल्कि पूरे लीबिया प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।

Turkey Plane Crash : तुर्किये में भीषण विमान हादसा : लीबियाई सैन्य प्रमुख अल-हद्दाद समेत 8 की मौत, अंकारा एयरपोर्ट पर हड़कंप
Turkey Plane Crash : अंकारा/त्रिपोली। तुर्किये की राजधानी अंकारा के पास एक ऐसा हृदयविदारक विमान हादसा हुआ जिसने न केवल तुर्किये बल्कि पूरे लीबिया प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। एक निजी जेट के क्रैश होने से लीबिया के शीर्ष सैन्य कमांडर और पश्चिमी लीबिया के मिलिट्री चीफ, मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद सहित 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे की खबर मिलते ही अंकारा के एसेनबोगा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हड़कंप मच गया और आनन-फानन में हवाई अड्डे के परिचालन को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल-हमीद दबीबे ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक अपूरणीय क्षति और राष्ट्रीय शोक बताया है।
Turkey Plane Crash : उड़ान के कुछ ही मिनटों बाद टूटा संपर्क
जानकारी के अनुसार, लीबियाई सैन्य प्रतिनिधिमंडल तुर्किये के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा करने के लिए आधिकारिक दौरे पर अंकारा आया था। मंगलवार की रात करीब 8:30 बजे, प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा पूरी कर लीबिया वापस लौटने के लिए एसेनबोगा एयरपोर्ट से 'डसॉल्ट फाल्कन 50' निजी जेट में उड़ान भरी। उड़ान भरने के लगभग 40 मिनट बाद, जब विमान अंकारा के दक्षिण में स्थित हायमाना जिले के हवाई क्षेत्र में था, तभी अचानक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से उसका संपर्क टूट गया। रडार से गायब होने से ठीक पहले पायलट ने तकनीकी खराबी और आपातकालीन लैंडिंग का संकेत भेजा था, लेकिन खराब मौसम और तकनीकी जटिलताओं के कारण विमान सुरक्षित लैंडिंग नहीं कर सका।
Turkey Plane Crash : हादसे का मंजर और रेस्क्यू ऑपरेशन
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हायमाना जिले के आसमान में अचानक एक तेज रोशनी और धमाके की आवाज सुनाई दी। तुर्किये के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि जैसे ही विमान का संपर्क टूटा, खोज एवं बचाव दल (Search and Rescue Teams) को तुरंत सक्रिय कर दिया गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद अंकारा के पहाड़ी और ग्रामीण इलाके से विमान का जलता हुआ मलबा बरामद हुआ। मलबे की स्थिति को देखकर यह स्पष्ट हो गया था कि विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा है। विमान में कुल 8 लोग सवार थे, जिनमें 5 लीबियाई अधिकारी और 3 क्रू मेंबर्स शामिल थे। सभी शवों को मलबे से निकालकर पोस्टमार्टम और पहचान के लिए भेजा गया है।
मृतकों में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस हादसे ने लीबिया के सैन्य नेतृत्व को भारी चोट पहुँचाई है। मारे गए लोगों में सबसे प्रमुख नाम मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद का है, जो पश्चिमी लीबिया के सैन्य प्रमुख के रूप में सेना के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उनके साथ हादसे का शिकार होने वाले अन्य अधिकारियों में अल-फितौरी घ्रैबिल, ब्रिगेडियर जनरल महमूद अल-कतावी, चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार मोहम्मद अल-असावी दियाब और सैन्य फोटोग्राफर मोहम्मद उमर अहमद महजूब शामिल हैं। ये सभी अधिकारी लीबिया की सैन्य नीति निर्धारण में अहम कड़ी माने जाते थे।
तकनीकी खराबी और खराब मौसम का संदेह
प्रारंभिक जांच में हादसे का मुख्य कारण विमान में आई अचानक तकनीकी खराबी और क्षेत्र में जारी खराब मौसम को माना जा रहा है। जिस 'डसॉल्ट फाल्कन 50' विमान में ये अधिकारी सवार थे, वह 1988 का निर्मित था और माल्टा की एक निजी कंपनी 'हार्मनी जेट्स' द्वारा संचालित किया जा रहा था। हालांकि यह विमान आधुनिक सुविधाओं और वाई-फाई से लैस था, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी पुरानी मशीनरी में अचानक आई खराबी और कम दृश्यता (Visibility) ने पायलट को संभलने का मौका नहीं दिया। तुर्किये के उड्डयन विभाग और लीबियाई जांचकर्ताओं की एक संयुक्त टीम अब विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश कर रही है ताकि दुर्घटना की असली वजह सामने आ सके।
अंकारा एयरपोर्ट पर उड़ानों का संकट
हादसे के तुरंत बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंकारा एयरपोर्ट को कुछ घंटों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया। इस दौरान अंकारा आने वाली दर्जनों अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को इस्तांबुल और अन्य नजदीकी हवाई अड्डों पर डायवर्ट किया गया। एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कुछ घंटों बाद जब स्थिति स्पष्ट हुई, तब हवाई अड्डे को धीरे-धीरे उड़ानों के लिए पुनः खोला गया।
लीबिया की राजनीति और सुरक्षा पर प्रभाव
यह विमान हादसा लीबिया के लिए केवल एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक राजनीतिक और रणनीतिक झटका भी है। अल-हद्दाद की गिनती उन चंद नेताओं में होती थी जो संयुक्त राष्ट्र समर्थित शांति प्रयासों और सेना को एकजुट करने की मुहिम को मजबूती दे रहे थे। अपनी मौत से चंद घंटे पहले ही उन्होंने तुर्किये के रक्षा मंत्री यासर गुलर से मुलाकात कर लीबिया की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की थी। अब उनकी अनुपस्थिति में लीबियाई सेना के भीतर शक्ति संतुलन को लेकर नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
तुर्किये और लीबिया के बीच इस घटना को लेकर उच्च स्तरीय संवाद जारी है। तुर्किये के राष्ट्रपति ने लीबिया के प्रधानमंत्री से बात कर संवेदना व्यक्त की है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। यह हादसा एक बार फिर वीआईपी चार्टर्ड विमानों की सुरक्षा और पुराने पड़ रहे एयरक्राफ्ट्स के रखरखाव पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है।
