Trump Putin Meeting: ट्रम्प-पुतिन शिखर सम्मेलन विफल? क्या यह भारत के लिए है बुरा? क्या और लगेंगे टैरिफ़?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई लगभग 3 घंटे लंबी क्लोज़-डोर मीटिंग बिना किसी ठोस समझौते के समाप्त हो गई।

Trump Putin Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई लगभग 3 घंटे लंबी क्लोज़-डोर मीटिंग बिना किसी ठोस समझौते के समाप्त हो गई। यह बैठक करीब 4 साल पुराने यूक्रेन युद्ध को हल करने के मकसद से आयोजित की गई थी। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि वार्ता “प्रगति की दिशा में” रही।
संयुक्त बयान में ट्रंप ने कहा- “हमारी बैठक बेहद फलदायी रही और कई बिंदुओं पर सहमति बनी। युद्धविराम पर हम पूरी तरह नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन वहां पहुंचने की अच्छी संभावना है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब तक कोई सौदा नहीं होता, तब तक समझौता नहीं माना जाएगा।
ट्रंप ने दूसरी बैठक का संकेत दिया, जिस पर पुतिन ने मुस्कुराते हुए कहा: “अगली बार मास्को में।” पुतिन ने यह भी दोहराया कि यूक्रेन संघर्ष की “प्राथमिक जड़ों” को हल किए बिना युद्ध रोकना मुश्किल है। पुतिन ने कहा, “आज की बातचीत न सिर्फ यूक्रेनी समस्या के समाधान का रास्ता दिखाएगी, बल्कि रूस-अमेरिका संबंधों को भी नए स्तर पर ले जाएगी।” उन्होंने ट्रंप की ‘दोस्ताना बातचीत शैली’ की तारीफ़ करते हुए कहा कि ट्रंप अपने देश की समृद्धि के लिए ईमानदारी से काम करना चाहते हैं और रूस के राष्ट्रीय हितों को भी समझते हैं।
ट्रंप ने भारत के टैरिफ को लेकर दिया बयान
ट्रंप ने पुतिन के साथ बैठक के बाद फॉक्स न्यूज से कहा, जब मैंने भारत से कहा कि हम आपसे शुल्क लेंगे, क्योंकि आप रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं और तेल खरीद रहे हैं, तो इससे उन्हें रूस से तेल खरीदने से हाथ धोना पड़ा और तब रूस ने फोन करके मिलने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, भारत के रूप में अपना दूसरा बड़ा ग्राहक खाने के बाद ही रूस बातचीत की टेबल पर आने को मजबूर हुआ।
बता दें कि ट्रंप ने 1 अगस्त को भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। इसके बाद भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया न देने पर 6 अगस्त को 25 प्रतिशत और टैरिफ बढ़ाकर उसे 50 प्रतिशत करने का ऐलान किया था। नया टैरिफ 27 अगस्त लागू होने वाला है। हालांकि, पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप का ये बयान भारत के लिए टैरिफ से राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
बैठक के हाइलाइट्स
- अलास्का पहुंचने पर ट्रंप ने रेड कारपेट स्वागत किया।
- दोनों नेताओं ने “Pursuing Peace Alaska 2025” बैनर के सामने फोटो खिंचवाई।
- पत्रकारों के सवालों में पुतिन ने यूक्रेन युद्ध और नागरिकों की मौत पर टिप्पणी करने से परहेज़ किया।
- बैठक के बाद पुतिन ने द्वितीय विश्व युद्ध में अलास्का में शहीद सोवियत पायलटों की कब्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कौन थे शामिल?
अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ। रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव। बैठक के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। यहां तक कि एंकोरेज के ऊपर अमेरिकी B-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान भी गश्त कर रहे थे। अलास्का की बैठक भले ही किसी समझौते पर खत्म नहीं हुई, लेकिन इससे यूक्रेन युद्धविराम की उम्मीदें जिंदा रखी गई हैं। अब सबकी निगाहें ट्रंप और पुतिन की अगली मुलाकात (मास्को) पर होंगी।
