Trump Indian Rice Tariff : पुतिन के भारत दौरे से भड़के ट्रंप ने फिर खोला मोर्चा, भारतीय चावल पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी, व्हाइट हाउस में बोले- वे खुली चीटिंग कर रहें
Trump Indian Rice Tariff : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया भारत दौरे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर नाराज़ कर दिया है। इस दौरे से चिढ़े अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के खिलाफ कड़ा व्यापारिक रुख अपनाते हुए भारतीय चावल पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का संकेत दिया है

Trump Indian Rice Tariff : पुतिन के भारत दौरे से भड़के ट्रंप ने फिर खोला मोर्चा, भारतीय चावल पर भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी, व्हाइट हाउस में बोले- वे खुली चीटिंग कर रहे
Trump Indian Rice Tariff : नई दिल्ली/वॉशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया भारत दौरे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर नाराज़ कर दिया है। इस दौरे से चिढ़े अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के खिलाफ कड़ा व्यापारिक रुख अपनाते हुए भारतीय चावल पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का संकेत दिया है। ट्रंप का यह कदम अमेरिका में सस्ते आयातित कृषि उत्पादों के कारण नुकसान झेल रहे अमेरिकी किसानों के साथ हुई एक बैठक के बाद सामने आया है।
Trump Indian Rice Tariff : अमेरिकी किसानों की शिकायत
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के लिए घोषित 12 बिलियन के राहत पैकेज की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इस दौरान कई किसानों ने सस्ते विदेशी आयात, विशेषकर कृषि उत्पादों की डंपिंग के कारण अमेरिकी बाज़ार पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव की शिकायत की।
लुइसियाना की केनेडी राइस मिल की सीईओ मेरिल केनेडी ने सीधा आरोप लगाया कि भारत, थाईलैंड और चीन जैसे देश अमेरिकी बाज़ार में चावल को बेहद कम कीमतों पर बेचकर डंपिंग कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस डंपिंग के कारण प्यूर्टो रिको जैसे बड़े बाज़ारों में अमेरिकी चावल की सप्लाई लगभग बंद हो गई है और दक्षिणी राज्यों के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
किसानों की शिकायत सुनते हुए ट्रंप ने तल्खी से कहा, वे चीटिंग कर रहे हैं। उन्होंने मौके पर ही संकेत दिया कि इन आरोपों की तुरंत जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ, तो आयातित भारतीय चावल और कनाडाई खाद जैसे उत्पादों पर नए, कड़े टैरिफ लगाए जाएंगे।
ट्रेजरी सेक्रेटरी को निर्देश
जब केनेडी राइस मिल की सीईओ ने ट्रंप से मौजूदा टैरिफ को दोगुना करने की मांग की, तो ट्रंप ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए तुरंत ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट को किसानों द्वारा अनुचित प्रतिस्पर्धा के स्रोत के रूप में उद्धृत किए गए देशों, जिसमें भारत प्रमुख था, को लिखने का निर्देश दिया।
ट्रंप ने बेसेंट से सीधे पूछा, भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें टैरिफ देना होगा। क्या उन्हें चावल पर छूट मिली है?
बेसेंट ने जवाब दिया कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक सौदे पर अभी काम चल रहा है, जिस पर ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उन्हें डंपिंग नहीं करनी चाहिए। वे ऐसा नहीं कर सकते। ट्रंप का यह रुख साफ करता है कि भारत-रूस संबंधों के बीच अमेरिका व्यापार के मोर्चे पर कोई नरमी नहीं बरतना चाहता।
भारत-अमेरिका व्यापार पर संकट
ट्रंप के इस कड़े रुख के बीच, इस सप्ताह भारत और अमेरिका के बीच एक उच्च-स्तरीय व्यापारिक बातचीत होने जा रही है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के उप प्रमुख रिक स्विट्जर के नेतृत्व में एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 10 और 11 दिसंबर को भारत के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के साथ कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौतों (BTA) पर चर्चा करेगा।
भारत इस साल के अंत तक इस समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश में है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ की धमकी ने इन वार्ताओं पर अनिश्चितता ला दिया है।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने पहले भी अगस्त में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया था, जिसके कारण नई दिल्ली के ट्रेड बैरियर और रूसी तेल की लगातार खरीद को बताया गया था। नए टैरिफ की धमकी से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
