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US-Japan Trade Deal: अमेरिका-जापान में हुआ ट्रेड डील! ट्रंप बोले- “इतिहास का सबसे बड़ा सौदा”, जापान करेगा 550 अरब डॉलर का निवेश, जानें डील की पूरी डिटेल
US Japan Trade Deal 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन में जापान के साथ एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा की। महीनों तक चली खींचतान और टैरिफ की धमकियों के बाद यह डील तय पाई है।

US Japan Trade Deal 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन में जापान के साथ एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा की। महीनों तक चली खींचतान और टैरिफ की धमकियों के बाद यह डील तय पाई है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर लिखा, हमने जापान के साथ एक बड़ा समझौता किया है, जो शायद अब तक की सबसे बड़ी डील है। मेरे निर्देश पर जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिसका 90% लाभ अमेरिका को मिलेगा। इस समझौते से लाखों नौकरियां पैदा होंगी। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक स्वागत समारोह में ट्रंप ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा व्यापार समझौता बताया।
सौदे में क्या क्या शामिल है?
इस समझौते के तहत अमेरिका में आने वाले जापानी सामानों पर 15% टैरिफ लगाया जाएगा। बदले में जापान ने अपने बाजार को अमेरिकी कारों, ट्रकों, चावल और कृषि उत्पादों के लिए खोलने पर सहमति जताई है। हालांकि 550 अरब डॉलर के निवेश की डीटेल और बेनिफिट्स का ब्योरा अभी तक आधिकारिक दस्तावेज़ में सामने नहीं आया है।
ट्रंप ने कुछ हफ्ते पहले शिकायत की थी कि जापान अमेरिकी चावल नहीं खरीदता जबकि उसे इसकी जरूरत है। अब इस समझौते के तहत जापान अमेरिकी चावल का आयात बढ़ाएगा। पिछले साल जापान ने अमेरिका से 298 मिलियन डॉलर का चावल खरीदा था। कारों पर भी बड़ी सहमति बनी है। जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने पुष्टि की कि अमेरिकी ऑटोमोबाइल टैरिफ घटाकर 15% कर दिया गया है।
धमकाने से समझौते तक
यह वार्ता इतनी भी आसान नहीं रही। जुलाई में ट्रंप ने इशिबा को चेतावनी दी थी कि यदि 1 अगस्त तक डील नहीं हुई, तो जापानी सामानों पर 30% टैरिफ लगाया जाएगा। जापान पर पहले से ही 24% टैरिफ लागू था, जिसे अप्रैल में 90 दिनों के लिए स्थगित किया गया था। इन धमकियों और लगातार दबाव के बीच आखिरकार दोनों देशों के बीच सहमति बन ही गई।
डील में क्या क्या शामिल नहीं है?
जापान के प्रतिनिधि रयोसेई अकाज़ावा ने साफ किया कि इस समझौते में रक्षा खर्च शामिल नहीं है। ट्रंप लंबे समय से जापान से रक्षा पर अधिक खर्च की मांग कर रहे थे, लेकिन यह डील केवल व्यापार तक सीमित रही।
बाजार का रिएक्शन
समझौते की खबर के बाद जापान का निक्केई 225 इंडेक्स में 2% की तेजी आ गई। टोयोटा, निसान और होंडा जैसे ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखा गया। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा यह सौदा जल्दबाजी का नहीं बल्कि दोनों देशों के लिए लोंगटर्म लाभ देने वाला है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
पीटरसन इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञ मैरी लवली ने कहा कि यह सौदा जापान को 25% टैरिफ के खतरे से बचाता है और अमेरिकी कंपनियों को जापानी बाजार में ज्यादा कॉम्पिटिटिव स्थिति देता है। अमेरिका जापान से हर साल लगभग 148 अरब डॉलर का आयात करता है, जिसमें कारें, ऑटो पार्ट्स और इंडस्ट्रियल मशीनरी शामिल हैं। वहीं जापान को अमेरिका से करीब 80 अरब डॉलर का निर्यात मिलता है, जिसमें तेल, फार्मा और एयरोस्पेस तकनीक शामिल हैं।
यह समझौता न सिर्फ अमेरिका-जापान आर्थिक रिश्तों को नई मजबूती देगा बल्कि दोनों देशों को वैश्विक स्तर पर चीन के बढ़ते प्रभाव के मुकाबले भी खड़ा करेगा। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आधिकारिक दस्तावेज जारी होने के बाद इसमें और कौन से प्रावधान सामने आते हैं।
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