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MP Laura McClure Nude Photo: महिला सांसद ने संसद में दिखाई अपनी न्यूड फोटो: फिर कर डाली ये बड़ी मांग

न्यूजीलैंड की महिला सांसद लॉरा मैक्लर ने संसद में अपनी एक AI-जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाई। उनका मकसद लोगों को ये बताना था कि ऐसी फर्जी तस्वीरें बनाना कितना आसान है और ये कितना खतरनाक हो सकता हैं।

महिला सांसद ने संसद में दिखाई अपनी न्यूड फोटो: फिर कर डाली ये बड़ी मांग
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By Chitrsen Sahu

MP Laura McClure Nude Photo: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) एक तरफ जहां लोगों के कामों को आसान बना रही है वहीं दूसरी ओर फोटो-वीडियो से खिलवाड़ कर उनकी जिंदगियों को खराब भी कर रही है। इसका जीता-जागता उदहारण तब देखने को मिला जब न्यूजीलैंड की महिला सांसद लॉरा मैक्लर ने संसद में अपनी एक AI-जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाई। उनका मकसद लोगों को ये बताना था कि ऐसी फर्जी तस्वीरें बनाना कितना आसान है और ये कितना खतरनाक हो सकता हैं।

डीपफेक और AI के लिए कानून की मांग

सांसद लॉरा मैक्लर ने संसद में कहा कि उन्होंने एक गूगल सर्च के जरिए मिली वेबसाइट का इस्तेमाल करके कुछ ही मिनटों में अपनी डीपफेक तस्वीर बना ली। उन्होंने डीपफेक और AI को नियंत्रित करने के लिए कानून की मांग की है। 14 मई को लॉरा ने यह बातें कहीं थी, जो अब वायरल हो रही हैं। लॉरा ने कहा, “समस्या तकनीक में नहीं है, बल्कि इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों को परेशान करने में है। हमें इसका हल निकालना होगा।”

डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल का समर्थन

बता दें कि लॉरा डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल का समर्थन कर रही हैं, जो रिवेंज पोर्न और निजी रिकॉर्डिंग से संबंधित मौजूदा कानूनों को अपडेट करेगा। इसके तहत बिना मर्जी के डीपफेक बनाना या साझा करना अपराध होगा। न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर डीपफेक पोर्न बिना सहमति के बनाए जाते हैं और इनका निशाना ज्यादातर महिलाएं होती हैं।

डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल की खास बातें

डिजिटल हानि, शोषण, अश्लीलता और आपत्तिजनक रिकॉर्डिंग से संबंधित कानूनों का विस्तार करेगा।

यह बिल पीड़ितों को नुकसानदायक सामग्री को हटाने और मुआवजे की मांग करेगा।

किसी के भी फोटो, वीडियो बिना अनुमति इस्तेमाल करना जुर्म होगा।

न्यूजीलैंड में डीपफेक को लेकर कोई कानून नहीं

लॉरा को उम्मीद है कि उनका यह कदम कानूनी सुधारों को तेज करेगा। उन्होंने कहा, “किसी को भी बिना सहमति के डीपफेक पोर्न का निशाना नहीं बनना चाहिए। यह साफ तौर पर उत्पीड़न है। हमारे कानूनों को जल्दी अपडेट करने की जरूरत है।” न्यूजीलैंड में अभी डीपफेक को सीधे तौर पर नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है, हालांकि डिजिटल संचार से संबंधित कुछ नियम जरूर हैं।

क्या है डीपफेक ​टेक्नोलॉजी

डीपफेक टेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है जिसमें AI की मदद से किसी शख्स की आवाज, चेहरा या हाव-भाव को बदलकर नकली वीडियो, ऑडियो या फोटो तैयार किए जाते हैं। यह तकनीक इतनी उन्नत है कि इसमें असली और नकली की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। उदाहरण के लिए, किसी नेता की नकली वीडियो बनाकर ऐसा दिखाया जा सकता है कि वह कुछ ऐसा कह रहा है, जो कि उसे नहीं कहना चाहिए। हालांकि असल में उस शख्स ने कभी ऐसा कुछ कहा ही नहीं होगा। यह टेक्नोलॉजी फिल्मों, मनोरंजन जगत के लिए लाई गई थी लेकिन अब इसका इस्तेमाल पोर्न इंडस्ट्री में धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं।

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