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Samosa Caucus kya hai: समोसा कॉकस क्या है? जोहरान ममदानी की जीत के बाद क्यों हो रहा ये शब्द वायरल, जानिए क्या है इसका कनेक्शन

Samosa Caucus kya hai: अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल के लोगों की उपस्थिति अब कोई आश्चर्य की बात नहीं रही। पिछले कुछ वर्षों में यह समुदाय धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है और अब तो स्थिति यह है कि अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय सांसदों के एक अनौपचारिक समूह को एक विशेष नाम तक मिल गया है। इस समूह को समोसा कॉकस के नाम से जाना जाता है।

Samosa Caucus kya hai: समोसा कॉकस क्या है? जोहरान ममदानी की जीत के बाद क्यों हो रहा ये शब्द वायरल, जानिए क्या है इसका कनेक्शन
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By Chirag Sahu

Samosa Caucus kya hai: अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल के लोगों की उपस्थिति अब कोई आश्चर्य की बात नहीं रही। पिछले कुछ वर्षों में यह समुदाय धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है और अब तो स्थिति यह है कि अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय सांसदों के एक अनौपचारिक समूह को एक विशेष नाम तक मिल गया है। इस समूह को समोसा कॉकस के नाम से जाना जाता है। ये वही समोसा है जिसे हम भारत में चाय के साथ खाते हैं। यह नाम सुनकर शायद आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे एक गहरा भाव छिपा है जो भारतीय संस्कृति से जुड़ाव को दर्शाता है।

क्या है समोसा कॉकस

अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के समूह को दिया गया नाम है 'समोसा कॉकस'। करीब 7 साल पहले इलिनोइस से चुने गए कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने इस शब्द को गढ़ा था। इससे अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बढ़ती ताकत को एक पहचान देना था। समोसा, जो भारतीय व्यंजनों में सबसे लोकप्रिय और पहचाना जाने वाला नाम है वह इस समूह का प्रतीक बन गया। इस अनौपचारिक समूह में वे सभी सांसद शामिल हैं जो भारत या दक्षिण एशिया से जुड़े हुए हैं।

कौन है इसके मेंबर

2025 में समोसा कॉकस में कुल 6 सदस्य हैं, जो सभी डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हुए हैं। ये सदस्य हैं: अमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, श्री थानेदार और सुहास सुब्रमण्यम है। ये सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई समुदाय के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनका मुख्य फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अमेरिका-भारत संबंधों जैसे मुद्दों पर रहता है।

जोहरान ममदानी से क्या है कनेक्शन

जब हम भारतीय अमेरिकियों की राजनीतिक यात्रा की बात करते हैं, तो जोहरान ममदानी का नाम अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। 4 नवंबर 2025 को, 34 वर्षीय ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर का चुनाव जीतकर तीन ऐतिहासिक उपलब्धियां एक साथ हासिल कर लीं। वे न्यूयॉर्क के पहले भारतीय अमेरिकी मेयर बने, पहले मुस्लिम मेयर बने और साथ ही इस शहर के सबसे कम उम्र के मेयर भी बन गए। यह उपलब्धि पूरे भारतीय अमेरिकी समुदाय की जीत है, जिसके वजह से इनका नाम समोसा कॉकस ग्रुप से जोड़ा जा रहा है।

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