Pope Francis Passes away: वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस का निधन, 88 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, PM मोदी ने जताया शोक
Pope Francis Passes Away: कैथोलिकों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल, 2025 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 88 वर्ष की आयु में उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्ता में अपनी आखिरी सांस ली।

Pope Francis Passes Away: कैथोलिकों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल, 2025 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 88 वर्ष की आयु में उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्ता में अपनी आखिरी सांस ली। 2013 में पोप बनने के बाद उन्होंने अपनी सादगी, वंचितों के प्रति प्रेम और सुधारों से दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके निधन ने कैथोलिक चर्च में एक युग का अंत कर दिया है। वेटिकन ने उनके सम्मान में 9 दिन की शोक अवधि (नोवेन्डियाले) की घोषणा की है। आइए, जानते हैं उनके निधन के बाद की प्रक्रिया, उनके अंतिम दिनों और नए पोप के चुनाव की तैयारियों के बारे में।
पोप फ्रांसिस के आखिरी दिन
पोप फ्रांसिस के अंतिम सप्ताह स्वास्थ्य समस्याओं से भरे रहे। 3 मार्च को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, और 24 मार्च को ब्रॉन्कोस्पास्म का दौरा पड़ा। इसके बावजूद, उन्होंने कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बैठक और ईस्टर संडे की प्रार्थना शामिल थी। हालांकि, डबल निमोनिया के कारण वे दो सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में रहे। ईस्टर मंडे को सुबह 7:35 बजे उनका निधन हो गया।
पोप के निधन के बाद की परंपराएं
पोप फ्रांसिस के निधन की पुष्टि कार्डिनल केविन फैरेल, कैमरलेंगो ऑफ द अपोस्टोलिक चैंबर, ने की। इसके बाद उनके शरीर को उनके निजी चैपल में ले जाया गया। परंपरा के अनुसार, उन्हें सफेद कैसॉक पहनाया जाएगा और एक साधारण लकड़ी के ताबूत में रखा जाएगा। उनकी फिशरमैन रिंग, जो उनके पोपत्व का प्रतीक है, को औपचारिक रूप से नष्ट किया जाएगा ताकि इसका दुरुपयोग न हो। यह रस्म उनके पद के समापन को दर्शाती है।
वेटिकन में नोवेन्डियाले के दौरान शोक सभाएं आयोजित होंगी, जहां श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक गुरु को श्रद्धांजलि देंगे। पोप फ्रांसिस का पार्थिव शरीर एक ऊंचे मंच पर रखा जाएगा, जिसे उनकी सादगी की इच्छा के अनुरूप सजाया जाएगा। इटली में भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा हो सकती है।
पोप के निधन के साथ वेटिकन सेडे वेकांटे (खाली सिंहासन) की अवधि में प्रवेश कर गया है। इस दौरान कार्डिनल्स का कॉलेज चर्च के प्रशासन को संभालेगा, लेकिन कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया जाएगा। यह अवधि तब तक चलेगी, जब तक नया पोप चुना नहीं जाता। यह समय कैथोलिक चर्च के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अगले आध्यात्मिक नेता के चुनाव की तैयारियों का दौर होता है।
कॉन्क्लेव और नए पोप का चुनाव
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार और दफन के बाद, कार्डिनल्स का कॉलेज 15 से 20 दिनों के भीतर पोप कॉन्क्लेव बुलाएगा। इसकी देखरेख कार्डिनल जियोवानी बैटिस्टा रे करेंगे। केवल 80 वर्ष से कम उम्र के कार्डिनल ही मतदान में हिस्सा ले सकेंगे। यह प्रक्रिया सिस्टिन चैपल में पूरी गोपनीयता के साथ होगी।
चुनाव का परिणाम चिमनी से निकलने वाले धुएं से पता चलता है:
- काला धुआं: कोई निर्णय नहीं हुआ।
- सफेद धुआं: नया पोप चुना गया।
चुने गए उम्मीदवार अपना पोप नाम चुनेंगे और सफेद कैसॉक पहनकर "हैबेमस पापम" (हमारे पास पोप है) की घोषणा के साथ दुनिया के सामने आएंगे। यह कैथोलिक चर्च के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार और दफन
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार उनकी मृत्यु के 4 से 6 दिन बाद होगा, जबकि शोक कार्यक्रम 9 दिन तक चलेंगे। उनकी सादगी को ध्यान में रखते हुए, उन्हें एक साधारण लकड़ी के ताबूत में दफनाया जाएगा, जो पिछले पोपों के ट्रिपल ताबूत से अलग होगा। उनके चेहरे पर सफेद रेशमी कपड़ा रखा जाएगा, और ताबूत में उनके शासनकाल के सिक्कों का थैला और उपलब्धियों का एक दस्तावेज होगा। उनकी इच्छा के अनुसार, उन्हें सेंट मैरी मेजर बेसिलिका में दफनाया जाएगा।
पोप फ्रांसिस की विरासत
2013 में पोप बनने के बाद फ्रांसिस ने अपनी विनम्रता, गरीबों के प्रति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर जोर देकर दुनिया को प्रभावित किया। उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और शांति की अपील की। उनके 12 साल के कार्यकाल में उन्होंने 68 देशों की यात्रा की और मानवता के लिए प्रेम का संदेश दिया। उनकी मृत्यु को कैथोलिक समुदाय के साथ-साथ पूरी दुनिया ने गहरा नुकसान बताया है।
पोप फ्रांसिस के निधन पर दुनियाभर से शोक संदेश आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी सादगी और मानवता के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं। वेटिकन ने कहा, "पोप फ्रांसिस एक शांति दूत थे, जिन्होंने युद्ध और गरीबी से जूझ रहे लोगों के लिए हमेशा आवाज उठाई।