'मोदी मेरे दोस्त'...जानिये क्या है ट्रंप के हृदय परिवर्तन की असली वजह, विदेश मंत्री ने दिया बड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच पीएम मोदी को ग्रेट प्रधानमंत्री और अपना दोस्त बताया है। इस पर पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले में अपना बयान जारी किया है।

'Modi is my friend, the relationship with India is very special'... Know what is the real reason behind Trump's change of heart, Foreign Minister gave a big statement
नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो देने का जो बयान दिया था, अब वो उससे पूरी तरह पलट गए हैं। उन्होंने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते बेहद खास हैं और उन्हें नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना 'हमेशा का दोस्त' और एक 'महान प्रधानमंत्री' बताया।
हालाँकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि, उन्हें फिलहाल पीएम मोदी के कुछ फैसले पसंद नहीं आ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दोनों देशों के रिश्तों में कोई दरार आई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भारत के साथ रिश्तों को फिर से मजबूत करने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने तुरंत कहा, "मैं हमेशा तैयार रहूँगा।"
ट्रंप के हृदय परिवर्तन की वजह
जानकार मानते हैं कि, ट्रंप का यह अचानक बदला हुआ रुख कोई इत्तेफाक नहीं है। यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का असर है, जिसने अमेरिका के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया। खासकर रूस से तेल खरीदने और व्यापारिक टैरिफ जैसे मुद्दों पर भारत अपने रुख पर अडिग रहा।
इस बदलाव की पाँच मुख्य वजहें बताई जा रही हैं:
फोन कॉल का जवाब न देना: एक जर्मन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टैरिफ विवाद के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार फोन किया, लेकिन पीएम मोदी ने उनका फोन नहीं उठाया।
पीएम मोदी का चीन दौरा: अमेरिका से तनाव के बीच, पीएम मोदी का शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में शामिल होना और रूस और चीन के साथ मुलाकात करना, भारत की स्वतंत्र रणनीतिक स्थिति को दर्शाता है।
ब्रिक्स से दूरी: अमेरिका के दबाव को बेअसर करने के लिए पीएम मोदी ने ब्रिक्स की वर्चुअल मीटिंग में खुद शामिल होने के बजाय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भेजा।
यूएन बैठक में शामिल न होना: पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में भी शामिल न होने का फैसला किया, जिससे ट्रंप के साथ आमने-सामने की मुलाकात टल गई।
जीएसटी सुधारों पर ध्यान: भारत ने अमेरिका के टैरिफ का जवाब अपनी आंतरिक आर्थिक नीतियों पर ध्यान केंद्रित करके दिया, जिसमें जीएसटी स्लैब में बदलाव जैसे सुधार शामिल हैं।
इन सब घटनाओं ने साफ कर दिया कि भारत किसी के दबाव में नहीं आएगा और अपनी स्वतंत्र विदेश और आर्थिक नीति पर कायम रहेगा। इसका असर अब ट्रंप के बदले हुए सुरों में दिख रहा है।
भारत की सकारात्मक प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे ट्रंप की भावनाओं और संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की सराहना करते हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच की साझेदारी को "बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी" बताया।
विदेश मंत्री का बड़ा बयान
इसके अलावा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा कि, पीएम मोदी अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हमेशा से बहुत अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। हालांकि, उन्होंने विशिष्ट घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने कहा, 'हम अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखेंगे और इस समय मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।' यह दर्शाता है कि, भले ही व्यापार और कुछ अन्य मुद्दों पर दोनों देशों के बीच मतभेद हों, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती का रिश्ता अभी भी मजबूत बना हुआ है।
