Japan Earthquake News: जापान में भूकंप के तेज झटके, सुनामी का अलर्ट जारी
Japan Earthquake News: जापान में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई जा रही है। इसके बाद जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी को लेकर भी चेतावनी जारी कर दी है।
Japan Earthquake News: जापान में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई जा रही है। इसके बाद जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी को लेकर भी चेतावनी जारी कर दी है। भूंकप जापानी समय के मुताबिक 5 अक्टूबर की सुबह 11 बजे आया। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक मीटर की ऊंचाई तक सुनामी पहुंच सकती है। वहीं मौसम एजेंसी ने जापान के इजू आइलैंड पर 1 मीटर ऊंचाई तक समुद्री लहरें उठने की आशंका जताई है। जबकि पूर्व में चिबा प्रीफेक्चर से लेकर पश्चिम में कागोशिमा प्रीफेक्चर तक फैले क्षेत्र में 0.2 मीटर तक की लहरें पहुंचने का अनुमान जताया है।
एहतियात के तौर पर तटीय इलाकों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाने की सलाह दी गई है। सरकार ने एडवाइजरी जारी कर चेतावनी दी है कि लोग तटों और नदी के किनारों से दूर रहने के लिए कहा गया है। बता दें कि इससे पहले साल 2011 में भूंकप के बाद सुनामी से जापान को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
धरती पर जापान सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित इलाकों में से एक माना जाता है। 2011 में आए भीषण भूकंप के कारण आई सुनामी ने उत्तरी जापान के बड़े हिस्से को तहस-नहस कर दिया था। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र (Fukushima Nuclear Plant) को भी भारी नुकसान हुआ था। वहीं भारत में भी इन दिनों भूंकप के झटके काफी ज्यादा महसूस किए जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में 3 अक्टूबर की दोपहर करीब 2.53 बजे भूकंप के जोरदा झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई। नेपाल में भी कई बार भूकंप के झटके आ चुके हैं।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। फिर सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
वहीं रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।