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Masjid Blast: जुमे की नमाज के वक्त मस्जिद में दो धमाके, 54 लोग घायल, नमाजियों में मची अफरा-तफरी, पुलिस ने की घेराबंदी
Indonesia Blast: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार की नमाज के वक्त एक हाई स्कूल स्थित मस्जिद में दो जोरदार धमाके हुए। घटना में 54 लोग घायल हुए, जिनमें 20 छात्र शामिल हैं। पुलिस जांच में जुटी है।

Jakarta Mosque Blast: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता शुक्रवार को उस वक्त दहल उठी जब एक मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान दो जोरदार धमाके हुए। यह मस्जिद एक हाई स्कूल परिसर के भीतर बानी है जहां उस वक्त सैकड़ों छात्र और शिक्षक नमाज अदा कर रहे थे। धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास के इलाके में भी गूंज सुनाई दी और लोग घबराकर बाहर भागने लगे।
धमाकों से मस्जिद का हिस्सा ढहा, छात्र घायल
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मस्जिद का एक हिस्सा धमाके के बाद गिर गया। पुलिस और नौसेना के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। कुल 54 लोग घायल हुए, जिनमें 20 छात्र भर्ती किए गए हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। बाकी घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
लाउडस्पीकर के पास से उठा धुआं
जकार्ता पुलिस प्रमुख असेप एडी सुहेरी ने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक विस्फोट मस्जिद के लाउडस्पीकर के पास हुए। हालांकि यह साफ नहीं है कि धमाका तकनीकी खराबी से हुआ या किसी बाहरी विस्फोटक उपकरण के कारण। उन्होंने कहा कि विस्फोट का कारण जानने के लिए तकनीकी जांच जारी है। फ़िलहाल किसी भी संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा है।
घटनास्थल से मिले संदिग्ध सामान की जांच
स्थानीय मीडिया का दावा है कि जांच एजेंसियों को घटनास्थल से एक बॉडी वेस्ट, Firearms और बम बनाने का सामान मिला है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। फिलहाल इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और बम निरोधक दस्ता (Mobile Brigade Corps) को तलाशी के लिए तैनात किया गया है।
मस्जिद के भीतर की तस्वीरों में दीवारों और छत को काफी नुकसान दिख रहा है। फिर भी प्रशासन का कहना है कि किसी की जान नहीं गई, जो बड़ी राहत की बात है। पुलिस ने बताया कि कई लोगों को जलने और कटने जैसी चोटें आई हैं, लेकिन ज़्यादातर की हालत स्थिर है।
घटना की जांच जारी, संभावित साजिश पर सस्पेंस
फिलहाल जकार्ता मेट्रोपॉलिटन पुलिस उत्तरी जकार्ता के केलापा गाडिंग जिले में हुए इन विस्फोटों की तहकीकात कर रही है। शुरुआती संकेतों से यह स्पष्ट नहीं कि यह हादसा है या किसी साजिश का नतीजा। लेकिन चूंकि मस्जिद स्कूल परिसर में थी और बड़ी संख्या में छात्र वहां मौजूद थे, प्रशासन पूरी सावधानी बरत रहा है।
इंडोनेशिया पहले भी झेल चुका है धमाकों का दर्द
यह कोई पहली बार नहीं है जब जकार्ता या इंडोनेशिया के किसी हिस्से में धार्मिक स्थल को निशाना बनाया गया हो। 2000 और 2016 में भी इसी तरह के धमाकों ने देश को झकझोर दिया था। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा इंतज़ामों के चलते ऐसे घटनाक्रम कम हुए थे। इस बार का धमाका फिर से सुरक्षा तंत्र की परीक्षा बन गया है।
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