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Israel-Hamas War: UN महासचिव के बयान से भड़का इजरायल, एंटोनियो गुटेरेस से मांगा इस्तीफा

Israel Palestine War: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज यानी 25 अक्टूबर को युद्ध का 19वां दिन है। इजरायल की ओर से हमास पर हवाई हमले किए जा रहे हैं।

Israel-Hamas War: UN महासचिव के बयान से भड़का इजरायल, एंटोनियो गुटेरेस से मांगा इस्तीफा
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By S Mahmood

Israel Palestine War: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज यानी 25 अक्टूबर को युद्ध का 19वां दिन है। इजरायल की ओर से हमास पर हवाई हमले किए जा रहे हैं। वहीं गाजा भी युद्ध में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। इस जंग ने दुनिया को भी दो गुटों में बांट दिया है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Secretary-General Antonio Guterres) की हमास पर टिप्पणी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस पर इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है।

दरअसल, इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि यूएन चीफ बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसे में वह उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे लोगों से बात करने का कोई औचित्य या मतलब नहीं है, जो इजरायलियों और यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयावह अत्याचारों पर दया दिखाते हैं। बस कोई शब्द नहीं है। गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने आगे कहा कि इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की टिप्पणी से साबित होता है कि वह इजरायल की वास्तविकता से पूरी तरह से अनजान हैं और हमास की ओर से से शुरू किए गए रॉकेट हमले को अनैतिक तरीके से देखते हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल को संयुक्त राष्ट्र के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए।

खबरों की मानें तो हमास और इजरायल को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक हुई थी। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने कहा था कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का सम्मान किया जाना चाहिए और इस युद्ध को समाप्त कर देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गाजा पट्टी पर इजरायली सेना की बमबारी पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून से ऊपर नहीं है। गाजा के हालत बेहद दयनीय बने हुए हैं। वहां लोग भोजन, पानी और दवा जैसी बुनियादी चीजों की किल्लत का सामना कर रहे हैं। इसी टिप्पणी को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

वहीं खबरों की मानें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि फ्यूल की कमी की वजह से गाजा के 6 हॉस्पिटल बंद करने पड़े हैं। इन अस्पतालों में एक हजार लोग डायलिसिस पर हैं। वहीं 130 प्रीमैच्योर बच्चे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो ICU में मौजूद दूसरे अस्पतालों के मरीजों की जान जा सकती है।

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