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Iranian Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei कौन है? America से क्यों है पुरानी दुश्मनी?

Iranian Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei:

Iranian Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei कौन है? America से क्यों है पुरानी दुश्मनी?
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By Supriya Pandey

Iranian Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei: ईरान और इजराइल के बीच जंग जारी है और दोनों ही देश अब आपस में मिसाइलों से अटैक करने लगे हैं। इसी बीच अमेरिका अब ईरान से सरेंडर करने की बात कह रहा है। अमेरिका की मांग के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और इजराइल को चेतावनी देते हुए युद्ध शुरू होने की घोषणा की है। खोमेनेई ने एक पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी शेयर की है। जिसमें जंग की प्रतिकात्मक तस्वीर नजर आ रही है तस्वीर में एक शख्स ने तलवार हाथ में लिया हुआ है और वो एक महल जैसे गेट पर एंट्री ले रहा है, जिसमें आग की कुछ लपटें भी दिखाई दे रही है खामेनेई ने तस्वीर के साथ लिखा है कि हैदर के नाम पर युद्ध शुरू होता है।

गौरलतब है कि इमाम अली का दूसरा नाम हैदर है जिसे शिया इस्लाम में सम्माननीय माना जाता है बता दें कि खामेनेई ने एक्स पर एक और पोस्ट किया है जिसमें चेतावनी दी है कि हमें आतंकवादी शासन को कड़ा जवाब देने की जरूरत है। हम उनपर कोई दया नहीं दिखाएंगे। इस तस्वीर से इजरायल के खिलाफ युद्ध की घोषणा हो गई है ऐसा माना जा रहा है। इस पोस्ट को फारसी में शेयर किया गया है।

अब जानते हैं कि अयातुल्ला अली खामेनेई कौन हैं। खामेनेई का जन्म ईरान के उत्तर पूर्वी शहर मशहद में सन् 1939 में हुआ जिसे देश का सबसे पवित्र शहर माना जाता है। खामेनेई ने भी मौलवी बनने की राह चुनी और शिया मुसलमानो को शैक्षणिक केन्द्रों में शिक्षा प्राप्त की और 11 साल की उम्र में ही वे मौलवी बन गए। उस वक्त ईरान में शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी का शासन था। जो एक पंथनिरपेक्ष राजा माने जाते थे। धर्म को अप्रासंगिक अवधारणा मानते थे और धार्मिक लोगों को शक की निगाह से देखा करते थे।

खामेनेई बड़े होते गए तो शाह शासन के प्रति उनका विरोध बढ़ता गया और फिर उन्होने अयातुल्लाह रुहोल्लाह ख़ुमैनी के समर्थन में काम करना शुरू किया जो शाह शासन के मुख्य विरोधी थे। वे मुखर आलोचको में से एक थे। अयातुल्लाह रुहोल्लाह ख़ुमैनी के अमेरिका से संबंध काफी बेहतर थे जिसके चलते शाह ने उन्हे देश से निष्कासित कर दिया था। खुमैनी की इच्छा थी कि ईरान में इस्लामी शासन स्थापित हो इसलिए खामेनेई ने खुमैनी के संदेश का प्रचार किया जिसकी वजह से खामेनेई 6 बार गिरफ्तार भी हुए फिर शाह की सत्ता गिर गई और अयातुल्लाह रुहोल्लाह ख़ुमैनी ने ईरान में इस्लामिक गणराज्य की स्थापना की।

ईरान में शासन की बागडोर मौलवियों के हाथ में थी जिसमें एक नाम खामेनेई का भी रहा। वे खुमैनी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक थे। तेहरान में इसी वर्ष अमेरिकी दूतावास पर कब्जे की घटना में खामेनेई की महत्वपूर्ण भूमिका रही, और इस घटना के बाद खामेनेई को अमेरिका से संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी मिली वे देश के उप रक्षा मंत्री भी चुने गए। इस दौरान खामेनेई ने आईआरजीसी को संगठित किया जो ईरान की सबसे ताकतवर संस्थाओं में से एक है।

खामेनेई पर जानलेवा हमले भी हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके नजदीक रखा टेप रिकॉर्डर ब्लॉस्ट हुआ जिसमें उनका दाया हाथ पैरालाइज हुआ उनके सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ा। फिर साल 1983 में आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ईरान के राष्ट्रपति चुने गए। वे सात साल 311 दिनों तक राष्ट्रपति बने रहे फिर साल 1989 में अली ख़ामेनेई को ईरान का अगला सुप्रीम लीडर चुना गया। खामेनेई ने काफी लंबे वक्त तक राज किया और इस दौरान उन पर कई आरोप भी लगते रहे। जैसे मानवाधिकारों का हनन, पत्रकारों को प्रताड़ित करना, विरोध की आवाज़ों को दबाना, साहित्यकारों की रचनाओं पर सेंसरशिप लगाना जैसे कई मामले सामने आए।

साल 2022 में महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में भड़के विरोध-प्रदर्शनों में उनकी संदिग्ध भूमिका बताई जाती है। खामेनेई के कार्यकाल के समय ईरान में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी लगे थे जो अब तक है। खामेनेई अमेरिका और इसराइल को शैतान मानते हैं। इसके पीछे की वजह ये बताई जाती है कि ईरान में जब से ईस्लामिक सत्ता का राज हुआ अमेरिका और इजराइल के साथ ईरान के संबंध बिगड़ते गए।

हालांकि अब खामेनेई पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इजराइल ने उन्हे खत्म करने की एक योजना बनाई है लेकिन अमेरिका ने इजराइल के इस प्लान को रोक दिया। बताया जाता है कि वे तेहरान के उत्तर पूर्वी इलाके में एक सीक्रेट अंडरग्राउंड बंकर में छिपे हैं जहां उनके साख उनका परिवार भी है। खामेनेई कई समय से इसराइल के अस्तित्व को मिटाने की बात करते रहे हैं वे इजराइल को कैंसर ट्यूमर बताते हैं।

खामेनेई को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि वे जानते हैं कि खामेनेई कहां छिपे हैं पर इस वक्त वे उन्हे मारने नहीं जा रहे हैं लेकिन वे यह भी नहीं चाहते कि आम नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों पर किसी तरह की मिसाइल दागी जाए।

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