Epstein Files Controversy: ट्रंप का नाम न होने पर सियासी तूफान, डेमोक्रेट्स ने उठाए सवाल
Epstein Files News: नए दस्तावेजों में ट्रंप का नाम कम होने पर डेमोक्रेट्स ने उठाए सवाल, क्लिंटन-गेट्स समेत कई हस्तियों के नाम शामिल।

Trump Epstein Files Political Controversy: अमेरिका में जेफरी एपस्टीन केस एक बार फिर राजनीतिक विवाद के केंद्र में आ गया है। 19 दिसंबर को ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी किए गए एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम प्रमुख रूप से न होने को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह सिर्फ संयोग नहीं बल्कि एक “सुनियोजित सफाई अभियान” हो सकता है, ताकि कुछ सच्चाइयां सार्वजनिक न हो सकें। डेमोक्रेट नेताओं का कहना है कि जिन दस्तावेजों को जारी किया गया है, वे भारी रूप से सेंसर किए गए हैं और इससे न्यायिक पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
Epstein Files में किन-किन हाई-प्रोफाइल नामों का जिक्र
जारी किए गए दस्तावेजों में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स, संगीत जगत की हस्तियां डायना रॉस, मिक जैगर और माइकल जैक्सन, अभिनेता केविन स्पेसी, ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन, और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे कई बड़े नाम सामने आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप का जिक्र फाइलों में बेहद सीमित है, जबकि क्लिंटन और अन्य हस्तियों से जुड़ी तस्वीरें और संदर्भ ज्यादा प्रमुखता से दिखते हैं। इसी चयनात्मक उल्लेख को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है।
तीन लाख पन्नों का खुलासा, लेकिन अहम हिस्से गायब?
अमेरिकी न्याय विभाग ने लगभग 3 लाख पन्नों के दस्तावेजों का पहला सेट सार्वजनिक किया है। ये दस्तावेज उस कानून के तहत जारी किए गए हैं, जिस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने 19 नवंबर को हस्ताक्षर किए थे और जिसे कांग्रेस ने भारी बहुमत से पारित किया था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि कई हिस्सों को रेडैक्ट कर दिया गया है। सात पन्नों में दर्ज 254 मसाज थेरेपिस्ट्स के नाम पूरी तरह काले कर दिए गए, जबकि कई तस्वीरों और फाइलों के बड़े हिस्से हटाए गए हैं। न्याय विभाग का कहना है कि ऐसा पीड़ितों की पहचान की सुरक्षा के लिए किया गया है।
Bill Clinton पर क्यों बढ़ा फोकस
डेमोक्रेट नेताओं का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन जानबूझकर बिल क्लिंटन पर फोकस बढ़ा रहा है, ताकि खुद पर उठने वाले सवालों से ध्यान हटाया जा सके। जारी तस्वीरों में क्लिंटन को एपस्टीन की सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल के साथ स्विमिंग पूल और हॉट टब में दिखाया गया है, हालांकि अन्य व्यक्तियों के चेहरे ब्लर हैं। क्लिंटन पहले ही यह कह चुके हैं कि उन्हें एपस्टीन की आपराधिक गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने अपने पुराने मेलजोल पर अफसोस जताया था।
दस्तावेज दबाने का आरोप, Schumer का दावा
डेमोक्रेटिक सीनेट नेता चक शूमर ने आरोप लगाया कि न्याय विभाग ने कानून के मुताबिक पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की। उनका कहना है कि एक दस्तावेज के 119 पन्ने पूरी तरह हटा दिए गए, जो गंभीर सवाल खड़े करता है। रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी, जो एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक कराने वाले कानून के प्रमुख समर्थक रहे हैं, ने भी इसे कानून की भावना का उल्लंघन बताया है। दोनों दलों के कुछ सांसद अब इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
ट्रंप का नाम कम क्यों, यही सबसे बड़ा सवाल
एपस्टीन जांच से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यही है कि 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में एपस्टीन के साथ सामाजिक संबंधों के रिकॉर्ड होने के बावजूद नए दस्तावेजों में ट्रंप का नाम इतना सीमित क्यों है। फरवरी में जारी पुराने बैच में ट्रंप का नाम एपस्टीन के निजी विमान की फ्लाइट लॉग्स में दर्ज था, लेकिन नए बैच में वह मौजूदगी स्पष्ट नहीं दिखती। डेमोक्रेट्स इसे चयनात्मक रिलीज मान रहे हैं, जबकि ट्रंप प्रशासन का दावा है कि कोई आपराधिक गतिविधि सामने नहीं आई है और रेडैक्शन पीड़ितों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
ट्रांसपेरेंसी बनाम Trust की लड़ाई
व्हाइट हाउस का कहना है कि यह रिलीज अब तक की सबसे पारदर्शी कार्रवाई है और आने वाले हफ्तों में और दस्तावेज जारी किए जाएंगे। वहीं डेमोक्रेट्स और कुछ ट्रंप समर्थक भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या पूरी सच्चाई सामने आ रही है या सिर्फ वही हिस्से जो प्रशासन के अनुकूल हैं। एपस्टीन केस अब सिर्फ एक आपराधिक जांच नहीं रहा, बल्कि अमेरिका की राजनीति में ट्रांसपेरेंसी, जवाबदेही और भरोसे की बड़ी परीक्षा बन चुका है।
