BRICS 2023: शी चिनफिंग का बयान, चीन-भारत संबंधों का सुधार विकास दोनों देशों के हित में है
बीजिंग, 25 अगस्त (आईएएनएस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 25 अगस्त को चीन और भारत के द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर संबंधित सवाल के जवाब में बताया कि 23 अगस्त को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान निमंत्रण पर भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की।
BRICS 2023। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 25 अगस्त को चीन और भारत के द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर संबंधित सवाल के जवाब में बताया कि 23 अगस्त को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान निमंत्रण पर भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की।
दोनों पक्षों ने वर्तमान में चीन भारत संबंध और समान चिंता वाले मुद्दों पर रायों का गहरा आदान-प्रदान किया । शी चिनफिंग ने बल दिया कि चीन भारत संबंध का सुधार व विकास दोनों देशों और दोनों देशों की जनता के समान हित में है और विश्व व क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के अनुकूल भी है। दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति का ख्याल रखते हुए सीमा मुद्दे का समुचित निपटारा कर एकसाथ सीमांत क्षेत्र की शांति व सौहार्द की सुरक्षा करनी चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 24 अगस्त को ब्रिक्स के विस्तार पर संबंधित सवालों का जवाब दिया। प्रवक्ता ने कहा कि 22 से 24 अगस्त तक 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित हुआ। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भाग लिया। शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अन्य ब्रिक्स नेता सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, ईरान और इथियोपिया को ब्रिक्स परिवार का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने पर सहमत हुए। इन देशों को चीन ने बधाई दी।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि इस विस्तार का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। पिछले साल चीन ने ब्रिक्स देशों की अध्यक्षता संभाली और विस्तार शुरू की। इसके बाद चीन विस्तार प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाने के लिए ब्रिक्स सदस्यों के साथ काम कर रहा है। कई नवोदित बाजार और विकासशील देश सक्रिय रूप से ब्रिक्स में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। 20 से अधिक देशों ने आवेदन जमा किए। इस बार का विस्तार विकासशील देशों के साथ एकजुट होने और सहयोग करने के ब्रिक्स देशों के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं और नवोदित बाजारों और विकासशील देशों के सामान्य हितों के अनुकूल है। यह विस्तार ब्रिक्स सहयोग के लिए एक नयी शुरुआत भी है, जो ब्रिक्स सहयोग तंत्र में नई जीवन शक्ति का संचार करेगा और विश्व शांति और विकास की शक्ति को और मजबूत करेगा।