रायपुर, 06 मार्च 2021. मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में मंत्रालय में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं 2007 यथा संशोधित 2012 के क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों के वितरण की प्रगति, सामुदायिक प्रयोजन हेतु वितरीत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वनाधिकार के वितरीत भूमि में किए गए विकास कार्यों की समीक्षा की गयी। मुख्य सचिव ने सामुदायिक प्रयोजन हेतु वनाधिकार मान्यता पत्रों के स्वीकृति कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। जैन ने कहा है कि वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की कार्यवाही के लिए गठित जिला और ग्राम स्तरीय समिति की नियमित बैठक आयोजित किए जाए और प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही की जाए। जैन ने जिला स्तर पर वेबसाइट बनाने और वनाधिकार मान्यता धारकों और उनके जमीन पर किए गए विकास कार्यों की सूची को अद्यतन करने के निर्देश भी दिए है। सामुदायिक प्रयोजन के लिए वितरित जमीनों में आवश्यकतानुसार फलदार वृक्षों का रोपण करने के निर्देश भी उन्होंने दिए है। जैन ने जिला कलेक्टर और वन अधिकारियों को संयुक्त रूप से वृक्षारोपण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। जैन ने वनाधिकार पत्र धारकों की भूमि का चिन्हांकन करने और राजस्व एवं वन अभिलेखों में दर्ज करते हुए वनाधिकार पुस्तिका प्रदान करने के निर्देश भी दिए है।
समिति के सदस्य विधायक कांकेर शिशुपाल सोरी ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम का क्रियान्वयन नगरीय क्षेत्रों में भी करने और वन संसाधनों के प्रबंधन की कार्यवाही ग्राम सभा के माध्यम से करने के सुझाव दिए है। समिति के सदस्य पूर्व विधायक कटघोरा बोधराम कंवर ने सामुदायिक वनाधिकार पत्रों के प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरे छत्तीसगढ़ में त्वरित गति से करने के सुझाव दिए है।
बैठक में आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग शम्मी आबिदी ने बताया कि अब तक लगभग दो लाख 55 हजार मान्यता पत्र धारकों को वनाधिकार पुस्तिका (ऋण पुस्तिका) का वितरण किया जा चुका है। व्यक्तिगत वनाधिकार मान्यता पत्रों के कुल चार लाख 36 हजार 619 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए तीन लाख 57 हजार 275.620 हेक्टेयर जमीन का वितरण किया गया है। सामुदायिक वनाधिकार पत्रों के 44 हजार 938 प्रकरणों में 16 लाख 93 हजार 556.928 हेक्टेयर भूमि का वितरण अब तक किए जा चुके है। अब तक 78 हजार 934 मान्यता पत्र धारकों के 34 हजार 972.498 हेक्टेयर क्षेत्र में भूमि समतलीकरण एवं मेड बधान का कार्य किया जा चुका है। इसी तरह 99 हजार 822 मान्यता पत्र धारकों को खाद एवं बीज और 08 हजार 525 हितग्राहियों को कृषि उपकरण के लिए सहायता उपलब्ध करायी गई है। वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत वितरित भूमि में अब तक 25 हजार 700 सिंचाई हेतु कार्य किए गए है। जिसके माध्यम से 15 हजार 812.54 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 53 हजार 865 मान्यता पत्र धारकों को लाभ दिलाया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में समिति के सदस्य संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, पूर्व विधायक कटघोरा बोधराम कंवर, सचिव आदिवासी विकास विभाग डी.डी. सिंह, सचिव वन विभाग प्रेम कुमार, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आर.प्रसन्ना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और राजस्व विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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