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अनीमिया पीड़ित सभी गर्भवती महिलाओं के इलाज और समुचित देखभाल के निर्देश… राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका शुक्ला ने मातृ-मृत्यु अंकेक्षण की समीक्षा की

अनीमिया पीड़ित सभी गर्भवती महिलाओं के इलाज और समुचित देखभाल के निर्देश…  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका शुक्ला ने मातृ-मृत्यु अंकेक्षण की समीक्षा की
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By NPG News

रायपुर 20 फरवरी 2021. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज मातृ-मृत्यु अंकेक्षण की समीक्षा की। उन्होंने राजधानी रायपुर स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, आरसीएच नोडल अधिकारियों, जिला कार्यक्रम प्रबंधकों तथा जिला स्वास्थ्य (RMNCH+A) सलाहकारों से चर्चा कर मातृ-मृत्यु अंकेक्षण की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की संयुक्त संचालक (मातृत्व स्वास्थ्य) डॉ. अल्का गुप्ता भी बैठक में मौजूद थीं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सभी अनीमिया पीड़ित गर्भवती महिलाओं के इलाज और समुचित देखभाल के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने कहा। उन्होंने कहा कि हर जिले में मातृ-मृत्यु का अंकेक्षण किया जाना अनिवार्य है। अंकेक्षण के दौरान पाई जाने वाली कमियों को दूर करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश देने के साथ उन्होंने मातृ स्वास्थ्य के सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से सुझाव मांगे।

डॉ. शुक्ला ने समीक्षा बैठक में एएनसी परीक्षण के दौरान ज्यादा जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर गर्भावस्था की पूरी अवधि में उनके नियमित फॉलो-अप और संस्थागत प्रसव कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर गर्भवती महिला की संभावित प्रसव तिथि की जानकारी संधारित करने और उन्हें समय-समय पर संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। मिशन संचालक होने के साथ ही डॉ. शुक्ला स्वयं डॉक्टर हैं, इसलिए उन्होंने मातृ-मृत्यु अंकेक्षण और महिला स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं की खुद विस्तृत समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर मातृ-मृत्यु अंकेक्षण की समीक्षा हर महीने की जाएगी।

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