वर्ल्ड कप फाइनल में हारी भारतीय महिला टीम ..ऑस्ट्रेलिया रिकॉर्ड 5वीं बार बना T20 वर्ल्ड कप चैम्पियन…
नईदिल्ली 8 मार्च 2020। आईसीसी महिला टी-20 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मुकाबले में आज चार बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 85 रन से हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार टी-20 वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया है।
ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर फाइनल में भारत के सामने खिताबी जीत के लिए 185 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। ऑस्ट्रेलिया के लिए बेथ मूनी ने सबसे ज्यादा 78 रन बनाए जबकि एलिसा हिली ने 39 गेंदों पर 75 रन बनाए। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने 4 ओवर में 38 रन देकर 2 विकेट लिये। करीब 80,000 दर्शकों की मौजूदगी में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तूफानी शुरुआत करते हुए 20 ओवर में चार विकेट पर 184 रनों का स्कोर बनाया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसके दोनों ओपनरों बेथ मूनी (नाबाद 78) और एलिसा हिली (75) ने पहले विकेट के लिए 11.4 ओवर में 115 रनों की साझेदारी कर तूफानी शुरुआत दी। विशाल होती जा रही इस साझेदारी को राधा यादव ने हिली को सीमा रेखा पर वेदा कृष्णामूर्ति के हाथों कैच कराकर तोड़ा। हिली ने 39 गेंदों पर सात चौके और पांच छक्कों की मदद से अपने करियर का 12वां अर्धशतक लगाया।
हिली के आउट होने के बाद मूनी ने अपने करियर का नौवां अर्धशतक पूरा किया और उन्होंने कप्तान मेन लेनिंग (16) और मूनी ने दूसरे विकेट के लिए 39 रन जोड़े। लेनिंग के आउट होने के बाद ही एश्ले गार्डनर (2) की आउट हो गईं. दोनों बल्लेबाज दीप्ति शर्मा की ओवर में आउट हुईं. दीप्ति ने अपने चौथे औवर में लेनिंग और गार्डनर को आउट करके भारत को मैच में वापस लाने की कोशिश की।
मूनी ने हालांकि एक छोर संभाले रखा और अपनी टीम को मजबूत लक्ष्य तक पहुंचाया। मूनी ने 54 गेंदों पर 10 चौके लगाए। उनके अलावा कप्तान मेग लेनिंग ने 15 गेंदों पर दो चौकों की बदौलत 16, एश्ले गार्डनर ने दो, रचेल हायेनेस ने चार और निकोला कैरी ने नाबाद पांच रन बनाए। भारत की ओर से दीप्ति शर्मा ने दो और राधा यादव तथा पूनम यादव ने एक-एक विकेट चटकाए।
भारत के सामने जीत के लिए विशाल टारगेट था जिसके दबाव में टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह बिखर गई। पहली ही ओवर में 16 साल की ओपनर शेफाली वर्मा (2)आउट हो गई. इसके बाद भी विकेट का सिलसिला लगातार जारी रहा। जेमिमा रॉड्रिग्स, स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर जैसी स्टार बल्लेबाजों के सस्ते में आउट होने के साथ ही भारतीय टीम की हार लगभग तय हो गई थी. फाइनल के दिन भारतीय टीम पूरी तरह रंगहीन नजर आई और 19.1 ओवर में 99 रन बनाकर ढेर हो गई। कप्तान हरमनप्रीत कौर के बर्थडे (8 मार्च) के दिन टीम को टूर्नामेंट में उपविजेता रहकर ही संतोष रहना पड़ा। वैसे फाइनल में भारतीय टीम हारी जरूर लेकिन टूर्नामेंट में अपने जबर्दस्त प्रदर्शन से उसने हर किसी को प्रभावित किया. ग्रुप मैचों में टीम ने अपने सभी मैच जीते। फाइनल में हार के बावजूद टूर्नामेंट के प्रदर्शन के लिए टीम निश्चित रूप से सराहना की हकदार है।