IAS को जान से मारने की मिली धमकी…. DGP को पत्र भेजकर सुरक्षा की डिमांड की… कुछ दिन पहले ही WhatsApp चैट हुआ था लीक
भोपाल 19 जून 2021। मध्यप्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को जान से मारने की धमकी दी है। आईएएस ने डीजीपी को पत्र भेजकर पुलिस सुरक्षा की मांग की है। आईएएस के मुताबिक एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दी है। उक्त आईएएस अधिकारी को एक वरिष्ठ सहयोगी के साथ उनकी बातचीत का ऑडियो क्लिप अपलोड करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भेजा ई-मेल में कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें बृहस्पतिवार रात को फोन किया और कहा कि उन्होंने बहुत शक्तिशाली लोगों पर आरोप लगाकर अपनी जान जोखिम में डाल दी है।
ईमेल मीडिया को लीक किया गया। उसके अनुसार अज्ञात फोन करने वाले ने आईएएस अधिकारी से यह भी कहा कि कुछ ‘‘पाकिस्तानी’’ उनका उपयोग कर रहे हैं और यदि उन्हें अपनी और अपने बेटे की जान प्यारी है तो उन्हें (अधिकारी) मीडिया से बात बंद करके छह महीने की छुट्टी पर चले जाना चाहिए।
जांगिड़ द्वारा एक वरिष्ठ सहयोगी के साथ अपनी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग कथित तौर पर सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद उन्हें दो दिन पहले द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उक्त ऑडियो में जांगिड़ ने 31 मई को बड़वानी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर के पद से भोपाल स्थित राज्य शिक्षा केन्द्र के निदेशक के रुप में अपने तबादले पर बात की थी।
जांगिड़ के अनुसार पिछले 54 महीनों में यह उनका नौवां तबादला है। संपर्क करने पर जांगिड़ (35) ने पीटीआई-भाषा से इसकी पुष्टि की कि उन्होंने डीजीपी से अज्ञात नंबर से फोन पर धमकी मिलने शिकायत की है।उन्होंने बताया, ‘‘मुझे अब पुलिस की साइबर अपराध शाखा के एक अधिकारी का फोन आया है जिसमें और जानकारी मांगी गई है।’’
जांगिड़ ने कहा कि उन्होंने अपने तबादले को लेकर अपनी और सामान्य प्रशासन विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी के बीच 30 सेकंड की बातचीत की क्लिप भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अपने चार सहयोगियों के साथ साझा की थी था और अपने सहयोगियों के साथ बातचीत में अपने तबादले को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा कि 11 जून को उन्होंने प्रदेश सरकार से महाराष्ट्र में तीन साल के लिए अंतर काडर प्रतिनियुक्ति देने के लिए पत्र लिखा था क्योंकि उनके 87 वर्षीय दादाजी मधुमेह और पार्किंसंस रोगों से पीड़ित हैं और वह अपनी विधवा मां की भी देखभाल करना चाहते हैं।