IAS एन बैजेंद्र कुमार ने रिटायरमेंट से कुछ देर पहले किया इमोशनल ट्वीट….35 बरस की आईएएस की यात्रा का आज आखिरी दिन, सबको थैंक्स, एनएमडीसी का सीएमडी बनने से पहले एमपी, छत्तीसगढ़ और भारत सरकार में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली
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रायपुर, 31 जुलाई 2020। छत्तीसगढ़ कैडर के कद्दावर आईएएस एन बैजेंद्र कुमार 35 बरसों की सर्विस के बाद आज शाम रिटायर हो गए। 1985 बैच के सूबे के सबसे सीनियर आईएएस बैजेंद्र कुमार डेपुटेशन पर एनएमडीसी के सीएमडी थे।
रिटायरमेंट से पहले उन्होंने एक भावुक ट्वीट किया…आईएएस में मेरी 35 बरसों की यात्रा का आज आखिरी दिन है…मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी गईं, उसमें मैं हमेशा हमेशा भारत और भारतीयों को सर्वोपरि रखकर काम किया…यह मेरे परिवार, सहकर्मियों और आप सभी के सपोर्ट के बिना संभव नहीं था…एक इमोशनल दिन…आप सभी को थैंक्स।
And just like that, it’s the last day of my 35 years of a journey in the #IAS !Always kept India &Indians first in whatever responsibilities I was assigned. It couldn’t have been possible without the support of my family, colleagues & all of you. An emotional day 🙂 Thank you All pic.twitter.com/B33eNnUlRm
— N. Baijendra Kumar,IAS (@baijendra) July 31, 2020
बैजेंद्र कुमार की काबिल अफसरों में गिनती होती थी। राज्य बनने के बाद वे 2007 में पहली बार छत्तीसगढ़ आए थे। वे दमदारी और बेबाकीपन के लिए जाने जाते हैं। उनकी काबिलियत और साफगोई के चलते ही दिग्विजय सिंह और अर्जुन सिंह के साथ काम करने वाले बैजेंद्र को तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ0 रमन सिंह ने अपना सिकरेट्री अपाइंट किया। बैजेंद्र देश के संभवतः पहले आईएएस होंगे, जिन्हें दो विरोधी पार्टियों के मुख्यमंत्री सचिवालयों में काम करने का अवसर मिला। मध्यप्रदेश में वे दिग्विजय सिंह के ज्वाइंट सिकरेट्री रहे। और छत्तीसगढ़ में डा0 रमन सिंह के एडिशनल चीफ सिकरेट्री। आमतौर पर ऐसा होता नहीं। किसी सीएम के सचिवालय में काम करने के बाद अफसर पर एक टैग लग जाता है। मगर बैजेंद्र की ऐसी कार्यशैली रही कि किसी का लेवल नहीं लग पाया। न दिग्गी का और न रमन सिंह का।
दिल्ली डेपुटेशन के दौरान वे एम्स के एडमिनिस्ट्रेटिव चीफ रहे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के दो साल पर्सनल सिकरेट्री। फिर, सूचना प्रसारण मंत्रालय में ज्वाइंट सिकरेट्री। छत्तीसगढ़ में भी इंडस्ट्री, पावर, एनआरडीए चेयरमैन समेत कई अहम पदों पर अपनी भूमिका का निर्वहन किया। जनसंपर्क विभाग में रिकार्ड छह साल तक वे कमिश्नर और सिकरेट्री रहे। सीएम सचिवालय में भी नौ साल। एनएमडीसी के सीएमडी बनने से पहले वे एसीएस टू सीएम के पद पर रहे।
बैजेंद्र के रिटायरमेंट से ब्यूरोक्रेसी का एक बड़ा विकेट डाउन होगा। ब्यूरोक्रेसी के लिए आवाज उठाने में वे कभी पीछे नहीं हटे। बैजेंद्र अगर खड़े नहीं हुए तो आईएएस सुनील कुजूर का प्रमोशन नहीं हो पाता। स्टेट सर्विस से प्रमोट होकर आईपीएस बने राजीव श्रीवास्तव जब डीजी बन गए और आईएएस कुजूर सिकरेट्री से प्रिंसिपल सिकरेट्री नहीं बन पा रहे थे तो बैजेंद्र ने इसका विरोध किया था। वे लंबे समय तक छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसियेशन के प्रेसिडेंट रहे।
एनएमडीसी को भी शिखर पर पहुंचाया
एनएमडीसी का सीएमडी बनने के बाद बैजेंद्र कुमार ने देश की सबसे बड़ी सरकारी नवरत्न खनन कंपनी को शिखर पर पहुंचाने का काम किया। लाॅकडाउन के बाद कंपनी ने प्रोडक्शन और सेल में आउटस्टैंडिंग पारफामेंस दिया।
केन और बंजारे भी रिटायर
बैजेंद्र कुमार के साथ ही आईएएस एलएस केन और एमएल बंजारे भी रिटायर हो गए। यानी छत्तीगसढ़ कैडर के तीन आईएएस आज एक साथ रिटायर हुए। केन और बंजारे राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रमोट होकर आईएएस बने थे।