महिला अधिकारी को फोन पर देता था धमकी

प्रकरण की सुनवाई करते हुए डॉ. नायक ने कहा कि शासकीय कार्य नियमों के तहत संचालित होते है। इन कार्यो में किसी तरह का व्यवधान बर्दाश्त नही किया जा सकता। ऐसा एक मामला आज राज्य महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में जिला स्तरीय अधिकारी को दूरभाष पर कार्य करने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था। काम नही किये जाने पर तबादला करवा देने की भी बात कही जाती थी। इस पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने अनावेदक पक्षकार को संबंधित अधिकारी के शासकीय कार्य मे दखल नही देने की समझाइश दी। व्यक्ति ने अपनी गलती स्वीकार की और महिला अधिकारी से क्षमा मांगते हुए भविष्य में इस प्रकार की गलती नही दोहराने की बात कही।

पति का अमेरिकी वीजा रद्द कराने लिखा जायेगा पत्र

एक महिला ने आयोग के समक्ष शिकायत की कि अमेरिका में रहने वाले उसके पति द्वारा उसे कई तरह से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी। अमेरिका में उस पर अत्याचार कर असहाय स्थिति में छोड़ दिया था। अभी पति अमेरिका में ही कार्यरत है। पत्नि ने आयोग के समक्ष न्याय के लिए आवेदन किया। प्रकरण की सुनवाई में पति और उसके परिजन अनुपस्थित रहे। इस पर अध्यक्ष डॉ नायक ने पत्नि को पति से संबंधित वीजा, पासपोर्ट तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा ताकि यू.एस. दूतावास को पति का वीजा निरस्त करने पत्र प्रेषित किया जा सके।

महिला प्रधान पाठक को प्रताड़ित करता था शिक्षक

सुनवाई के दौरान एक अन्य प्रकरण में महिला प्रधान पाठिका को परेशान करने वाले अधीनस्थ शिक्षक के प्रकरण में बीईओ उपस्थित हुए तथा अध्यक्ष के निर्देशानुसार संबंधित शिक्षक को स्कूल से अन्यत्र किसी अन्य स्कूल में संलग्न करने एक माह का समय मांगा। अधीनस्थ शिक्षक ने प्रधानपाठिका से की गई गलतियों के लिए क्षमा भी मांगा तथा भविष्य में पुनः गलती नही करने की बात कही।

इसी प्रकार अन्य प्रकरण मे एक करोड़ रूपये विधवा महिला से लूटने वाले व्यक्ति को बार-बार आयोग के समक्ष उपस्थिति से बचने के लिए झूठा आवेदन दिया जाना भारी पड़ा। अध्यक्ष ने इस तरह आयोग की कार्रवाई को नजरअंदाज करने को गंभीर माना तथा अगली सुनवाई में पुलिस के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित करने कहा। एक अन्य प्रकरण में अपने अधीनस्थ महिला चिकित्सा अधिकारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर अध्यक्ष ने जांच समिति गठन करने की बात कही। चिकित्सकीय कार्य और उससे संबंधित प्रताड़ना के कारण इस समिति में वरिष्ठ चिकित्सकों को शामिल किया गया है। आयोग में कोरोना संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देश, सोशल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यवाही की गई।