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दोषियों को जल्द फांसी देने के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा…..दिल्ली HC के गेट पर बैठीं महिला, कहा- फांसी की तारीख मिलने तक नहीं उठूंगी

दोषियों को जल्द फांसी देने के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा…..दिल्ली HC के गेट पर बैठीं महिला, कहा- फांसी की तारीख मिलने तक नहीं उठूंगी
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By NPG News

नई दिल्ली 2 फरवरी 2020। निर्भया के दोषियों को जल्द-से-जल्द फांसी पर लटकाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. केंद्र ने उच्च न्यायालय में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी. न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि अदालत सभी पक्षों द्वारा अपनी दलीलें पूरी किए जाने के बाद आदेश पारित करेगी.

इससे पहले कोर्ट में केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषी की ओर से जानबूझकर देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि न्याय हित में फांसी देने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। दोषियों को फांसी जल्द से जल्द देना चाहिए।

केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने हाई कोर्ट को सभी दोषियों की कानूनी राहत के विकल्प के स्टेट्स का चार्ट सौंपा। तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि दोषियों के रवैये से साफ है कि वे कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिनकी दया याचिका खारिज हो गई है उन्हें जितना जल्दी हो सके फांसी दिया जाए।

इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता योगिता दिल्ली हाईकोर्ट के गेट नंबर 7 पर धरने पर बैठ गई हैं. उन्होंने कहा कि जब तक निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने की तारीख नहीं दी जाती है, तब तक वो यहां से नहीं उठेंगी.सॉलिसिटर जनरल ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पवन गुप्ता एक साथ दो अधिकारों का उपयोग कर रहा था. 2017 में दोषी पवन ने 225 दिन बाद रिव्यू याचिका दाखिल की थी. क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका अब तक दाखिल नहीं की गई है. अगर पवन दया याचिका दायर करने की नहीं सोचता है, तो किसी भी दोषी को सजा नहीं दी जा सकती है.

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