कलेक्टर की डांट सुनकर मीटिंग में रोने लगे CMHO……बैठक में बिगड़ गयी तबीयत, तो भेजा गया अस्पताल…. कलेक्टर ने ये कही बात…

इंदौर 12 अगस्त 2020। कोरोना की समीक्षा बैठक में कलेक्टर की फटकार पर CMHO बैठक में ही रोने लगे। कुछ देर बाद मीटिंग में ही उनकी तबीयत भी खराब हो गयी, जिसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें गाड़ी बैठाकर मीटिंग से वापस भेजा। मामला इंदौर का है, जहां कलेक्टर मनीष सिंह ने आज समीक्षा बैठक के दौरान सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया को जमकर डांट लगा दी। अब कलेक्टर की फटकार और रोते हुए सीएमएचओ का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
मीटिंग के दौरान कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया को जमकर हड़काया. जिसके बाद वो रोते हुए बाहर निकले. कलेक्टर की डांट से सीएमएचओ की तबीयत बिगड़ गई है. जिसके बाद उन्हें घर जाना पड़ा. कलेक्टर की डांट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सीएमएचओ काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं. कुछ अधिकारी उन्हें शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें गाड़ी तक लाकर छोड़ देते हैं.
इससे पहले सोमवार को हुई एक बैठक में भी मनीष सिंह ने जमकर फटकार लगाई थी और कहा था कि अपना ट्रांसफर करा लो। इसके बाद मीटिंग से बाहर आए जड़िया को सीने में दर्द हुआ और वे बाहर चेयर पर बैठ गए। इस दौरान उनके आंखों से आंसू भी छलक आए। अन्य साथी उन्हें पकड़कर बाहर ले आए और यहां से निजी अस्पताल में जांच करवाने पहुंचे। जांच के बाद वे पांच दिन के अवकाश पर चले गए हैं।
दरअसल, कलेक्टर की फटकार लगते ही सीएमएचओ की तबीयत बिगड़ गई और वो रोते हुए बैठक से बाहर निकल गए. पिछले कुछ समय डॉ जड़िया की कार्यप्रणाली से कलेक्टर मनीष सिंह नाराज चल रहे थे और उसी का परिणाम आज सामने आया है. बैठक के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि रुटीन रिव्यू मीटिंग थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी का एक्टिव रहना जरूरी है। सीएमएचओ के अंडर में प्रसूति सहायता के कई प्रकरण हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा, तो उन्हें डांटना जरूरी है, तभी जनता को रिलीफ मिलेगा।