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Y-Break: क्या होता है वाय-ब्रेक? कर्मचारियों को वर्क प्लेस में कैसे तरोताजा कर देता है...समझिए इन 8 बिंदुओं से...

Y-Break: क्या होता है वाय-ब्रेक? कर्मचारियों को वर्क प्लेस में कैसे तरोताजा कर देता है...समझिए इन 8 बिंदुओं से...
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By Divya Singh

Y-Break: आजकल वाय-ब्रेक (Y-break) के बारे में बहुत बातें हो रही हैं। एक बार ऑफिस आने के बाद कर्मचारियों को लंबा सिटिंग जाॅब करना होता है जो उनके शरीर और मन दोनों को थकाता है। 'वाय-ब्रेक, योग एट वर्क प्लेस' इसी ठहराव और इससे उपजे तनाव को तोड़ने का प्रयास है। काम के बीच में कर्मचारी छोटे से ब्रेक सेशन में योग की आसान विधियों से खुद को रिलेक्स कर पाएं और तरोताजा महसूस करें, वाय- ब्रेक अपनाने का यही उद्देश्य है। आइए और जानते हैं इसके बारे में।

Y- ब्रेक :योग एट वर्क प्लेस का प्रयोजन

योगभूमि भारत ने दुनिया को योग और उसकी महत्ता से रूबरू करवाया। दुनिया भर में लोग आज योगा सीख रहे हैं और उसके फायदों को मान रहे हैं। योग से मन शांत और हल्का होता है और शरीर को भी छोटी-बड़ी अनेक तकलीफ़ों से आराम मिलता है।

सांस लेना जीवन जीने का आधार है लेकिन इसी का सही तरीका हमें पता नहीं होता। योग की अनुलोम-विलोम, प्राणायाम जैसी अनेक विधियाँ ऐसी हैं जिनका अभ्यास आप ऑफिस चेयर पर बैठे-बैठे भी कर सकते हैं और इनका लाभ उठा सकते हैं। Y- ब्रेक शुरू करने का यही प्रयोजन है।

आयुष मंत्रालय ने समझी Y- ब्रेक की ज़रूरत

घर- परिवार की ज़िम्मेदारियों और ज़िन्दगी जद्दोजहद के बीच भागते-दौड़ते कर्मचारी ऑफिस पहुंचते हैं और एक बार जो अपनी कुर्सी पर बैठे तो बस उसी में सिमट कर रह जाते हैं। उनकी शारीरिक गतिविधि शून्य हो जाती है, शरीर और मन बोझिल होने लगता है। आयुष मंत्रालय ने इस बोझ को हल्का करने की आवश्यकता समझी और कुछ अन्य संस्थानों के सहयोग से 'Y-ब्रेक' की संपूर्ण योजना बनाई, ऐप बनाया।

Y- ब्रेक कम समय में योग के माध्यम से किया जाने वाला एक छोटा-सा सकारात्मक बदलाव है जो सरकारी कर्मचारियों के जीवन से तनाव और थकान कम करेगा। चंद मिनटों में इसका अभ्यास कर कर्मचारी तरोताजा हो जाएंगे और अपने कामों पर बेहतर तरीके से फोकस कर सकेंगे।

सरकार ने दिए संक्षिप्त अभ्यास के निर्देश

'वाई-ब्रेक-योग एट वर्क प्लेस' के माध्यम से केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के लिए एक संक्षिप्त योग अभ्यास को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया है। आने वाले समय में ऑफिसों में योगा सेशन को अपनाया जाएगा और तनाव को मैनेज करने का प्रयास किया जाएगा।

ये लाभ होंगे Y-ब्रेक के केवल 10-15 मिनट का योग सेशन भी कर्मचारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। सरल योग विधियों के अभ्यास से उनको इस तरह के लाभ होंगे-

1. सांसें जीवन का आधार हैं। योग सचेत श्वास तकनीक सिखाता है। इससे शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगी । ऑक्सीजनेटेड ब्लड शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचेगा और वे बेहतर तरीके से काम करेंगे। इससे शरीर के भीतर ब्लड फ्लो में भी सुधार होता है।

2. योग ऐसी प्रक्रिया है जो मानसिक रूप से शांत करती है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीदिंग एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास चिंता और अवसाद से दूर रखने का काम करता है। इससे मस्तिष्क की गतिविधियों में सुधार होता है। इससे कर्मचारियों को काम में फोकस बढ़ाने में मदद मिलेगी।

3. योग की साधारण मुद्राएं भी बाॅडी का पोस्चर सुधारती हैं। योग मुद्रा में रीढ़ को एकदम सीधा रखा जाता है। जिसकी आदत रुटीन निपटाने के दौरान छूट जाती है। गलत पोस्चर से शरीर विभिन्न तकलीफ़ों का शिकार होता है। नियमित अभ्यास से शरीर का पोस्चर सुधरता है।

4. नियमित ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शरीर का फैट भी नियंत्रित होगा जो लगातार सिटिंग जाॅब करने का नतीजा होता है।

5. हार्ट प्राॅब्लम्स आज के दौर की सबसे बड़ी समस्या बन कर उभर रही हैं। तेजी से सांस लेने से दिल की सेहत भी सुधरेगी। इससे दिल स्वस्थ होगा। ब्लाॅकेज हटेंगे।

6. नियमित योग अभ्यास से कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर कम होगा और एंडोर्फिन (फील-गुड हार्मोन) के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। जिसके कर्मचारियों का मूड अच्छा रहेगा और वे बात- बात पर इरिटेट नहीं होंगे।

7. गतिविधि शून्य शरीर में पाचन अच्छी तरह नहीं होता है और अपच, कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याएं होती हैं। छोटे से योग सेशन से कर्मचारियों का पाचन सुधरेगा।

8. मात्र दस मिनट के योग अभ्यास से चेहरे पर चमक आती है। योग में गहरी सांस लेने से शुद्ध वायु भीतर पहुंचती है। इससे शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिल सकती है। इससे डैमेज स्किन सेल्स को रिपेयर करने में भी मदद मिलती है। खुद को अच्छा और फ्रेश महसूस करने पर इंसान खुश होता है और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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