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World Menstrual Hygiene Day 2024 : पीरियड्स में Hygiene का रखें ध्यान, वरना हो सकता है इंफेक्शन और गंभीर समस्याएं

पीरियड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी ‘वर्ल्ड मेंसट्रुअल हाइजीन डे’ (World Menstrual Hygiene Day) मनाया जाता है।

World Menstrual Hygiene Day 2024 : पीरियड्स में Hygiene का रखें  ध्यान,  वरना हो सकता है इंफेक्शन और गंभीर समस्याएं
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By Meenu

World Menstrual Hygiene Day 2024 : पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हर लड़की को एक उम्र के बाद पीरियड्स होते हैं। यह हर महिला के लिए बहुत ज्यादा जरूरी माना जाता है। पीरियड्स लड़कियों को हर महीने होते हैं। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान अगर महिलाएं सफाई का ध्यान न रखें, तो इससे वजाइना में इंफेक्शन और कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

हर साल 28 मई को नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएएसएच यूनाइटेड द्वारा एक खास थीम पर मेंसट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता है। इस साल संस्थान द्वारा मेंसट्रुअल हाइजीन डे की थीम "टुगेदर फॉर ए #पीरियडफ्रेंडलीवर्ल्ड" रखी गई है। इस खास मौके पर विश्व स्तर पर कई तरह के नुक्कड़ नाटक और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

आज के जमाने में जब सोशल मीडिया, टीवी और यूट्यूब पर पैड्स, पीरियड्स हाइजीन को लेकर कई तरह के विज्ञापन चलाए जाते हैं, तब भी महिलाओं में पीरियड्स को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं।

ऐसे में पीरियड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी ‘वर्ल्ड मेंसट्रुअल हाइजीन डे’ (World Menstrual Hygiene Day) मनाया जाता है।



UTI का खतरा बढ़ सकता है

पीरियड्स के दौरान खराब हाइजीन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इसकी वजह से एक बड़ी समस्या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) हो सकती है। ऐसा तब होता है, जब आप अपने पैड या टैम्पोन को बार-बार नहीं बदलते हैं, तो बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इससे आपके मूत्राशय यानी ब्लैडर में संक्रमण हो सकता है।

रिप्रोडक्टिव सिस्टम के खतरा

इसके अलावा एक अन्य समस्या प्रजनन प्रणाली यानी रिप्रोडक्टिव सिस्टम जैसे यूट्रस, ओवरी और ट्यूबों में संक्रमण है। इससे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) हो सकता है, जिससे आपके पेट में बहुत दर्द हो सकता है और यहां तक ​​कि बच्चे पैदा करना भी मुश्किल हो सकता है।

त्वचा भी होती है प्रभावित

खराब स्वच्छता सेहत के साथ ही आपकी त्वचा को भी खराब कर सकती है। बहुत लंबे समय तक गंदे पैड का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा में जलन, खुजली हो सकती है और यहां तक ​​कि आपको चकत्ते या संक्रमण और बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बी.वी.) भी हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब आपकी वेजाइना में बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते हैं, जिससे अजीब सा डिस्चार्ज और दुर्गंध आने लगती है।

ऐसे करें इनसे अपना बचाव

वहीं, इन सभी समस्याओं से बचने के लिए डॉक्टर रहती हैं कि इन समस्याओं से बचने के लिए यह सीखना जरूरी है कि मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई कैसे रखें। इसके लिए आपके पास साफ पैड या टैम्पोन और अच्छे बाथरूम तक आपकी पहुंच होनी चाहिए। इसके अलावा इन स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए सही मेंस्ट्रुअल हाइजीस हैबिट्स, साफ पीरियड प्रोडक्ट्स तक पहुंच और पर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं पर शिक्षा की जरूरत है।

मेंसट्रुअल हाइजीन डे का इतिहास

मेंसट्रुअल हाइजीन डे को मनाने की शुरुआत 2013 में जर्मन की एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएएसएच (WASH) यूनाइटेड द्वारा की गई थी। इस संस्थान के लोगों का कहना था कि महिलाओं को अपने संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ पर्सनल हाइजीन से जुड़ी जानकारी भी होनी चाहिए। संस्थान का कहना था कि पीरियड्स हेल्थ और स्वच्छता महिलाओं और लड़कियों के मौलिक अधिकारों को कम कर देती है, जिससे सामाजिक और आर्थिक असमानताएं बिगड़ती हैं। इसलिए सबसे पहले महिलाओं को पीरियड्स और मेंसट्रुअल हाइजीन के बारे में बताना जरूरी है। इस शुरुआत के बाद संस्थान द्वारा पहली बार 28 मई को 2013 को मेंसट्रुअल हाइजीन डे मनाया गया। इसके बाद साल 2014 से हर साल 28 मई को मेंसट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता रहा है।

मेंसट्रुअल हाइजीन डे का महत्व

इस दिन को 28 मई को मनाने का उद्देश्य बहुत खास है। दरअसल, महिलाओं को महीने से 3 से 5 दिन पीरियड होते हैं। अमूमन पीरियड्स का सर्कल 28 दिनों का माना जाता है। यही वजह है कि मेंसट्रुअल हाइजीन डे को मानने के लिए 28 तारीख को चुना गया।


मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति जागरूकता क्यों जरूरी है?

आधुनिक भारत में आज भी पीरियड्स को लेकर जागरूकता नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड नहीं बल्कि घर में मौजूद कोई पुराने और गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। जिसकी वजह से महिलाओं को वेजाइना में खुजली, जलन और रैशेज की समस्या का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स में कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं। गंदे कपड़े का इस्तेमाल करने की वजह से महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर, प्रजनन मार्ग में संक्रमण, हेपेटाइटिस बी और मूत्र मार्ग में संक्रमण जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को इन बीमारियों से बचाने के लिए मेंस्ट्रुअल हाइजीन के प्रति लोगों में जागरूकता फैलना बहुत जरूरी है।

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