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World malaria day 25 April : मच्छरों का बढ़ रहा है अटैक, मलेरिया न होने पाए, रहिए सजग, यही है विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य...

World malaria day 25 April : मच्छरों का बढ़ रहा है अटैक, मलेरिया न होने पाए, रहिए सजग, यही है विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य...
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By NPG News

World Malaria Day 25 April: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है कि लोग मलेरिया को मामूली न मानें,सावधानी और सफाई की अहमियत समझें, अपनी गलती की वजह से मच्छर न पनपने दें, और उनसे बचने केे सभी संभव उपाय भी करें। जिससे दुनिया मलेरिया से मुक्त हो सके। हर साल लाखों लोग मलेरिया से ग्रस्त होते हैं और कइयों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।

लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम रखी गई है 'Ready To Combat Malaria' ।बता दें कि पहली बार 'विश्व मलेरिया दिवस' 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था।

आपको बता दें कि मलेरिया प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस के कारण होता है। मादा एनाफिलीज मच्छर इसकी वाहक है। यह जब किसी संक्रमित व्यक्ति को काटती है तो उसका वायरस अपने शरीर में ले लेती है। और यही मादा जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो वायरस उसके शरीर में पहुंचा देती है। इस तरह इस बीमारी का संक्रमण बढ़ता जाता है।

गर्मी में बारिश पड़ने से बढ़ता है खतरा

अभी देश में बहुत सी जगहों पर मौसम बदल गया है। भीषण गर्मी के बीच बारिश पड़ने लगी है। ऐसे में भी मच्छरों को पनपने का मौका मिल जाता है। सड़क किनारे, गड्ढों आदि में जमा पानी में मच्छर ब्रीड करते हैं।

जलवायु परिवर्तन का भी हो रहा असर

दुनिया भर में लगातार तापमान की बढ़ोत्तरी हो रही है। जलवायु परिवर्तन का असर मच्छरों पर भी पड़ा है। अमरीकी साइंस कांग्रेस में शोधकर्ताओं ने बताया था कि तापमान में आधा डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी से पिछले 30 साल की अवधि में मलेरिया के मामलों में आठ गुना वृद्धि हुई। अब मच्छर पहले से भी ज्यादा तेजी से पैदा और वयस्क हो रहे हैं और मलेरिया, डेंगू जैसे रोग फैला रहे हैं।

मलेरिया पीड़ित में दिखते हैं ये लक्षण

मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद मलेरिया के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मलेरिया से ग्रस्त मरीज को तेज ठंड लगती है। कई कंबल ओढ़ा देने पर भी कंपकंपी नहीं जाती है। मरीज को तेज़ बुखार हो जाता है। जो 101 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर जाता है। इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द, पेट दर्द, उल्टी-दस्त , चक्कर आना , एनीमिया, थरथराहट जैसे लक्षण भी मलेरिया के होते हैं।

डाॅक्टर देते हैं ये सलाहें

1. अपने घर के जाली वाले दरवाजे लगवाएं।

2. घर की नालियों, बालकनी, पुराने कूलर आदि में पानी जमा न होने दें, सफाई रखें। ठहरे हुए गंदे पानी में मच्छर तेजी से पनपते हैं।

3. शाम के समय मच्छरों का अटैक बढ़ता है। ऐसे में काॅइल, रिपलेंट, स्प्रे आदि का प्रयोग करें।

4. बच्‍चे स्कूल जाएं या खेलने, उन्हें फुल पेंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं। खुद भी ढंक कर रहें। बच्चों, गर्भवती महिला और बुजुर्गों पर गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

5. मच्छरदानी लगा कर सोएं।

6. अपने गार्डन में दवाई का छिड़काव करें।पानी जमा होने की जगह पर मिट्टी भर दें। कालोनी की सड़कों के गड्ढों में मच्छर पनप रहे हों तो नगर निगम से संपर्क करें।

7. तेज बुखार आने पर लापरवाही न करें, डाॅक्टर से संपर्क करें। मलेरिया का पता चलने पर डाॅक्टर का बताया दवाइयों का पूरा डोज़ लें। कोर्स भी पूरा करें।

8.मरीज को सूखे और गर्म स्थान पर आराम करने दें।

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